Mistakes in passport application . अगर आप पासपोर्ट के लिए आवेदन करने जा रहे हैं तो पांच चीजों का ख्याल जरूर रखें. आवेदन करने वाले तमाम लोग इन्हीं पांचों में से कोई एक गलती कर बैठते हैं, जिस वजह से आपका आवेदन होल्ड पर डाल दिया जाता है और वो घर पर अपने पासपोर्ट का इंतजार करते हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के रीजनल कार्यालय में 7000 के करीब पासपोर्ट इन्हीं गलतियों की वजह से अटके हैं. यहां पर नोएडा, गजियाबाद समेत 13 जिलों के पासपोर्ट बनते हैं.
क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी अनुज स्वरूप बताते हैं कि विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया पहले की तुलना में बहुत सरल कर दी है. अगर आपके पास सभी जरूरी कागजात हैं और आवेदन करते समय कोई जानकारी छिपाई नहीं है तो 21 दिनों में पासपोर्ट बनकर घर आ जाएगा. आवेदन करते समय की जाने वाली ये पांच गलतियां.
1. आवेदन करते समय एड्रेस में दो कॉलम होते हैं, एक पर्मानेंट एड्रेस और दूसरा प्रेजेंट एड्रेस का. जिनका अपना घर होता है तो उन्हें कोई परेशानी नहीं है, क्योंकि दोनों में एक ही एड्रेस आएगा. लेकिन जो लोग रेंट पर रहते हैं. वे प्रेजेंट एड्रेस में भी अपना पर्मानेंट एड्रेस भी डालते हैं. उनका तर्क होता है कि चूंकि वे रेंट पर रहते हैं, दिन में आफिस या काम पर बाहर रहते हैं, ऐसे में वेरीफिकेशन में परेशानी हो सकती है, इस वजह से प्रेजेंट एड्रेस में पर्मानेंट एड्रेस डाल देते हैं, यही से परेशानी शुरू होती है. पासपोर्ट प्रेजेंट एड्रेस पर ही बनता है. किराए पर रहने वाले करीब 10 फीसदी लोग इस तरह की गलती करते हैं.
2. दूसरा बड़ा कारण किराए पर रहने वाले तमाम लोग स्थाई पता भी यही भरते हैं. उनका मानना है कि गांव में पुलिस वेरिफिकेशन में परेशानी आ सकती है. इस वजह से रेंट में रहने के बावजूद पर्मानेंट भी वहीं डाल देते हैं. पुलिस जांच में यह गलत पाया जाता है और आवेदन होल्ड में डाल दिया जाता है. 10 फीसदी में ही ये आवेदन भी शामिल हैं.
3. पासपोर्ट एक्सपायर होने या पूर्व में आवेदन करने के बावजूद लोग जानबूझकर यह तथ्य छिपाते हैं और फ्रेश श्रेणी में आवेदन कर देते हैं. लोगों को लगता है कि अगर सही जानकारी दी तो हो सकता है, पासपोर्ट बनने में परेशानी हो, लेकिन होता है, इसके उल्टा ही है. पासपोर्ट कार्यालय में बायोमीट्रिक के दौरान मामला पकड़ में आता है और फाइल पेंडेंसी में डाल दी जाती है, जिसके बाद आवेदक को पासपोर्ट बनवाने के लिए दोबारा से लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. इस वजह से पासपोर्ट बनने में देरी होती है. करीब तीन फीसदी ऐसे ही मामले हैं.
4. पासपोर्ट के लिए आवेदन करते वक्त सिंगल, विवाहित, तलाकशुदा व विभाजन यानी शादी के बाद अलग-अलग रह रहे, ये चार विकल्प आते हैं. प्रत्येक आवेदक को अपनी श्रेणी का विकल्प चुनकर आवेदन करना होता है लेकिन तलाक होने व शादी के बाद अलग-अलग रहने वाले लोग सिंगल की श्रेणी में आवेदन कर रहे हैं. जब पुलिस जांच मामला पकड़ में आ जाता है. इस तरह उनकी फाइल पेंडिंग या होल्ड में डाल दी जाती है.
5. कई आवेदन इस वजह से अटके हैं, जिनमें आवेदक ने जन्मतिथि के लिए 10वीं का सर्टिफिकेट व अन्य प्रमाणपत्र नहीं लगाया है. आवेदन करते समय मांगे गए सभी प्रमाणपत्र का पीडीएफ जरूर अपलोड करें.
पश्चिमी यूपी के इन जिलों के गाजियाबाद में बनते हैं पासपोर्ट
गाजियाबाद क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के तहत आगरा, अलीगढ़, बागपत, बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, हापुड़, हाथरस, मथुरा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर व शामली जिले आते हैं, जहां के पासपोर्ट बनते हैं.
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Tags: Foreign Minister, Ghaziabad News, Passport
FIRST PUBLISHED : December 26, 2023, 12:29 IST