Friday, June 27, 2025
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प्रेग्नेंसी कंफर्म है या नहीं, 1 सप्ताह में कैसे पता करें? डॉक्टर के बताएं 6 लक्षणों से करें पहचान, परेशानी हो जाएगी हल


Pregnancy signs and symptoms: प्रेग्नेंसी का समय हर महिला के लिए बेहद खास होता है. इसकी समय-समय पर जांच करना बेहद जरूरी होता है. लेकिन, सबसे बड़ा सवाल है प्रेग्नेंसी कंफर्म है या नहीं? दरअसल, प्रेग्नेंट होने का सबसे बड़ा सिग्नल पीरियड मिस होना ही माना जाता है. जबकि कई बार ऐसा भी देखा गया है कि पीरियड मिस नहीं होने के बावजूद भी महिलाएं प्रेग्नेंट हुईं. ऐसा इसलिए क्योंकि, महिलाएं प्रेग्नेंसी के शुरुआती दौर के सिग्नल पर ध्यान ही नहीं दे पाती हैं. वैसे तो मार्केट में आपको कई ऐसे उपकरण मिल जाएंगे, जिसके जरिए आप प्रेग्नेंसी की जांच कर सकती हैं. हालांकि, इन उपकरणों से प्रेग्नेंसी का पता 1 महीने बाद लगेगा. लेकिन 1 सप्ताह में कैसे पता करें कि प्रेग्नेंसी कंफर्म है या नहीं? ऐसे में आपको शरीर में हो रहे बदलावों पर गौर करना होगा. आइए गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज कन्नौज की गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. अमृता साहा से जानते हैं प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण-

गायनेकोलॉजिस्ट ने बताए प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण

शरीर के तापमान में बढ़ोतरी: डॉ. अमृता साहा के मुताबिक, प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में शारीरिक एवं मानसिक रूप से कई बदलाव आते हैं. यही बदलाव प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण होते हैं, जिनके बारे में सभी को पता होना चाहिए. इसमें सबसे पहला संकेत शरीर का तापमान बढ़ना. वैसे तो बॉडी में टेम्प्रेचर बढ़ने की कई वजह हो सकती हैं. लेकिन कई बार ये प्रेग्नेंट होने का भी संकेत होता है.

ब्रेस्ट में बदलाव: प्रेग्नेंसी नौ महीने की एक लंबी प्रक्रिया है. इस दौरान महिलाओं को शरीर में होने वाले बदलावों पर जरूर ध्यान देना चाहिए. क्योंकि, कई महिलाएं शुरुआत के संकेत समझ नहीं पाती हैं. ब्रेस्ट में बदलाव आना भी इसमें से एक है. बता दें कि, ब्रेस्ट में दर्द, सूजन और भारीपन प्रेग्नेंट होने का संकेत हो सकता है. हालांकि, कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी के पहले-दूसरे हफ्ते के दौरान ही ये दिक्कत आती है.

वेजाइनल डिस्चार्ज: वैसे तो वेजाइनल डिस्चार्ज इंफेक्शन की वजह भी हो सकता है लेकिन कई मामलों में ये प्रेग्नेंट होने का सिग्नल भी होता है. कई महिलाएं प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में वेजाइनल डिस्चार्ज जैसे दिक्कत से गुज़रती हैं. ये डिस्चार्ज हार्मोन्स में बदलाव की वजह से हो सकता है. इसके साथ ही पेट में हल्का दर्द भी हो सकता है.

थकान और जी मिचलाना: प्रेग्नेंसी के शुरुआती दौर में जब भले ही आपके पीरियड मिस न हुए हों. अगर आपको थकान और कमज़ोरी महसूस होने जैसी दिक्कत होती है, तो आप एक बार अपनी प्रेग्नेंसी ज़रूर चेक कर सकती हैं. क्योंकि कई बार ये प्रेग्नेंट होने की ओर भी इशारा करता है. इसके अलावा, प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षणों में सुबह के समय जी मिचलाना और उल्टी होना भी शामिल है.

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वेजाइनल ब्लीडिंग: अगर आपको पीरियड डेट के सिवा भी कभी हल्की वेजाइनल ब्लीडिंग का अहसास हो, तो भी एक बार आपको अपनी प्रेग्नेंसी चेक करनी चाहिए. वेजाइनल ब्लीडिंग, स्पॉटिंग और क्रैम्प्स महसूस होना भी प्रेग्नेंसी का सिग्नल हो सकता है.

मूड स्विंग होना: कई बार प्रेग्नेंसी के दौर में हार्मोनल चेंजेस की वजह से मूड स्विंग्स होते रहते हैं. इसमें कभी अचानक से रोना, कभी गुस्सा आना, कभी खुश होना तो कभी किसी चीज़ के लिए एक्साइटमेंट हो जाना नॉर्मल बात है. इन चीजों को भी इग्नोर करने की बजाय एक बार प्रेग्नेंसी के बारे में ज़रूर सोचना चाहिए. साथ ही अक्सर चक्कर आना भी प्रेग्नेंट होने का सिग्नल हो सकता है.

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स्वाद में बदलाव: कंसीव करने के बाद महिला के शरीर में हार्मोनल असंतुलन होने कारण उसके स्वाद में भी बदलाव आता है. इसलिए यदि कोई महिला स्वाद में बदलाव के साथ-साथ अन्य लक्षणों को भी अनुभव करती हैं, तो यह आपके गर्भवती होने का संकेत हो सकता है. स्वाद के साथ किसी भी गंध सुघने में भी बदलाव संभव है.

Tags: Female delivery, Female Health, Lifestyle, Pregnant woman



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