Tuesday, June 17, 2025
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फेसबुक पर करता था मैसेज, पूछता था लड़की चाहिए या लड़का, गोरी या काली? डिलीवरी से पहले लेता था इंटरव्यू


हाइलाइट्स

कोलकाता में बच्चा तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है.आरोपी फेसबुक के जरिए करता था निःसंतान दंपत्तियों से कॉन्टेक्टपुलिस को रैकेट के विदेशों तक फैले होने का शक है.

कोलकाता. लड़का है या लड़की, बच्चे की त्वचा का रंग, उसका वंश और उसका धर्म क्या है? बच्चों की तस्करी करने वाले आरोपी ने पुलिस को बताया कि वह निसंतान दंपत्तियों से बातचीत के दौरान यह सारी बातें साफ करता था. वह इन दंपत्तियों से फेसबुक के जरिए मिलता था. बंगाल पुलिस को आरोपी की गिरफ्तारी के बाद शक है कि यह रैकेट विदेशों में भी फैला हो सकता है क्योंकि आरोपी को एक प्राइवेट नंबर से कॉल आता था. अब पुलिस इस मामले में आईवीएफ सेंटरों के साथ भी इस मामले की जांच कर रही है.

बताया जा रहा है कि 2 दिन की बच्ची की तस्करी के मामले में मुख्य आरोपी माणिक हलदर (38) ने कांगो और मालदीव की यात्रा की थी और पिछले दो सालों में उसे मिस्र से कई कॉल आए थे, जिससे संदेह पैदा हो रहा है कि बाल तस्करी का रैकेट विदेश में भी फैल सकता है. एक सीआईडी ​​अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने दावा किया कि उसे नवजात शिशुओं की खरीद-फरोख्त का आइडिया कई आईवीएफ सेंटरों से मिला था.

क्या होता था लास्ट इंटरव्यू?
आरोपी ने खुलासा किया कि उसने खुद एक फेसबुक पेज बनाया और निःसंतान दंपत्तियों से बातचीत की. उसने न केवल लिंग के आधार पर, बल्कि त्वचा के रंग, वंश और धर्म के आधार पर भी बच्चों को बेचने की पेशकश की. एक बार जब विभिन्न सोशल मीडिया हैंडल पर बच्चे को खरीदने की रकम तय हो गई तो आरोपी ने उससे संपर्क करने के लिए एक विशेष नंबर भेजा. इसके बाद आधार डिटेल को चेक किया गया और बच्चे की ‘डिलीवरी’ की लास्ट डेट से पहले एक इंटरव्यू किया गया. पुलिस अब इस मामले में आईवीएफ सेंटरों के साथ उसके संबंधों की जांच कर रही हैं.

दो साल से जा रहा था विदेश
इस मामले की जांच कर रहे अधिकारियों ने बताया कि पिछले ढाई साल से इस रैकेट से जुड़ा माणिक करीब दो साल पहले विदेश जाने लगा था. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि वह देशभर में बच्चों को बेचने के कई सौदों में शामिल है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि करीब 18 महीने पहले नरेंद्रपुर थाने से जुड़ी जांच में आरोपी का नाम सामने आया था. एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने एक निःसंतान दंपत्ति को बच्चा देने का वादा किया था. पैसे लिए थे लेकिन वादा पूरा नहीं किया.

इस रैकेट का बिहार से है लिंक
पुलिस ने बताया कि आरोपी ने पिछले दो साल में देश के कई राज्यों की यात्रा की और कई बार बिहार भी गया. एक अधिकारी ने बताया कि ऐसा लगता है कि वह बिहार के कुछ लोगों के संपर्क में था जो उसे नवजात शिशुओं की खबरें देते थे और उसके लिए सौदे करते थे. पुलिस ने बताया कि पेशे से एसी मैकेनिक माणिक और सह-आरोपी मुकुल हलदर दोनों ही तलाकशुदा हैं. मुकुल ने दावा किया है कि उन्होंने मंदिर में शादी कर ली थी. पुलिस को संदेह है कि यह सब इसलिए किया गया ताकि जब माणिक किसी बच्चे की तस्करी कर रहा हो तो किसी को संदेह न हो.

आईडी ​​अधिकारियों ने बताया कि वे रविवार को शालीमार रेलवे स्टेशन से बचाए गए बच्चे के माता-पिता का पता लगाने के करीब हैं. अधिकारी ने कहा कि एक टीम बिहार के गया में तैनात है और हमें बिहार के पुलिसकर्मियों से सुराग मिल रहे हैं. रविवार की सुबह माणिक और मुकुल दुरंतो एक्सप्रेस से शालीमार स्टेशन पहुंचे. उनके साथ दो दिन का बच्चा था. वहां तैनात सीआईडी ​​अधिकारियों ने माणिक और मुकुल को रंगे हाथों पकड़ लिया. बचाए गए बच्चे को फिर बाल कल्याण समिति के माध्यम से हावड़ा अस्पताल भेज दिया गया.

Tags: Child trafficking, Kolkata News



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