Thursday, June 26, 2025
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बहुत झोल है… पहले आएगा IAS-IPS का फ्रेंड रिक्वेस्ट, फिर फर्नीचर बेचने के लिए आएगा फोन, सस्ते के चक्कर में लग जाएगा चूना


नई दिल्लीः जैसे-जैसे सरकार और पुलिस लोगों को साइबर फ्रॉड के बारे में जागरूक कर कर ही है. वैसे-वैसे फ्रॉड करने वाले नए तरीके अपना रहे हैं. पिछले कुछ समय से फेमस आईएएस और आईपीएस की तस्वीरों का इस्तेमाल कर लोगों से फ्रॉड करने का मामला सामने आया है. स्कैमर्स पहले आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के नाम से आईडी बनाकर आम लोगों को मैसेज करते हैं और उनका नंबर ले लेते हैं और फिर अपने दोस्त की मदद के नाम पर पैसा ऐंठ लेते हैं.

इस साल जनवरी से पुणे की साइबर क्राइम सेल और पिंपरी चिंचवड़ पुलिस को कुल मिलाकर दो दर्जन शिकायतें मिली हैं, जिसमें आईएएस और आईपीएस की फर्जी फेसबुक प्रोफाइल का इस्तेमाल करने वाले साइबर धोखेबाजों द्वारा लोगों से 50,000 रुपये से 3 लाख रुपये के बीच की धोखाधड़ी की गई है. पीड़ितों को एक आईएएस या आईपीएस अधिकारी की फर्जी प्रोफ़ाइल से फेसबुक फ्रेंड रिक्वेस्ट प्राप्त होती है, जिसमें अधिकारी की तस्वीरें, उनकी जानकारी आदि होती है.

पीड़ित द्वारा रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करने के बाद, उसे प्रोफाइल से एक सीधा मैसेज मिलता है, जिसमें उनका कॉन्टैक्ट नंबर मांगा जाता है. इसके बाद, पीड़ित को एक मैसेज मिलता है, जिसमें उसे बताया जाता है कि अधिकारी का सीआरपीएफ जैसे सुरक्षा बलों में एक दोस्त है, जो एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन जा रहा है और अपना फर्नीचर डिस्काउंट पर बेचना चाहता है. फिर पीड़ित से दूसरे फोन नंबर से संपर्क किया जाता है, जहां फोन करने वाला खुद को सीआरपीएफ अधिकारी बताता है और कीमत के साथ फर्नीचर की तस्वीरें भेजता है.

एक बार जब पीड़ित सहमत हो जाता है, तो सुरक्षा कर्मियों द्वारा ट्रक में लादे जा रहे फर्नीचर की तस्वीरें उसे विश्वास हासिल करने के लिए भेजी जाती हैं. फिर पीड़ितों को बताया जाता है कि फर्नीचर रास्ते में है और भुगतान ऑनलाइन मांगा जाता है. जब फर्नीचर उन तक नहीं पहुंचता है और यहां तक ​​कि ‘अधिकारी’ भी संपर्क में नहीं रहते हैं, तब पीड़ितों को एहसास होता है कि उन्हें धोखा दिया गया है.

इस साल जून में, पुणे में एक टीवी समाचार चैनल के लिए काम करने वाले 41 वर्षीय पत्रकार को साइबर धोखाधड़ी ने 70,000 रुपये की धोखाधड़ी की, जिसने आईएएस अधिकारी और पुणे कलेक्टर डॉ. राजेश देशमुख की नकली प्रोफ़ाइल का इस्तेमाल किया. पत्रकार, जिसने पेशेवर क्षमता में देशमुख के साथ बातचीत की थी, ने फर्जी अकाउंट से अनुरोध स्वीकार कर लिया और अकाउंट से भेजे गए सीधे संदेश के जवाब में अपना नंबर भी दिया.

बहुत झोल है... पहले आएगा IAS-IPS का फ्रेंड रिक्वेस्ट, फिर फर्नीचर बेचने के लिए आएगा फोन, सस्ते के चक्कर में लग जाएगा चूना

बाद में उन्हें खुद को सीआरपीएफ अधिकारी सनोश कुमार बताने वाले एक व्यक्ति का फोन आया. फोन करने वाले ने न सिर्फ फर्नीचर बल्कि अपनी रॉयल एनफील्ड बुलेट भी बेचने की पेशकश की. पत्रकार को ऑफर पसंद आया और उसने डिलीवरी सहित सौदे के लिए 70,000 रुपये का भुगतान किया. कई दिनों तक इंतजार करने के बाद उन्हें बताया गया कि तकनीकी कारणों से इसे रोक दिया गया है. धोखाधड़ी का संदेह होने पर, पत्रकार ने देशमुख को फोन किया और तब पता चला कि फर्जी खाते का इस्तेमाल करने वाले धोखेबाज ने उसे धोखा दिया है.

Tags: Cyber Crime News, Cyber Fraud



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