बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट के एक रिटायर जज को शुक्रवार की रात सिलहट बॉर्डर के करीब सीमा पार करते हुए गिरफ्तार कर लिया गया है। तख्तापलट के बाद बांग्लादेश में शेख हसीना का समर्थन करने वाले लोगों के लिए हालात खराब होते जा रहे हैं। बांग्लादेशी अखबार के मुताबिक, रिटायर जज शम्सुद्दीन चौधरी माणिक जब भारत में घुसने की कोशिश कर रहे थे तो स्थानीय लोगों ने उन्हें पकड़ लिया, और उन्हें बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के हवाले कर दिया। बीजीबी की तरफ से जारी बयान में भी कहा गया है कि उन्होंने मणिक को गिरफ्तार किया है। क्योंकि वह सिलहट की कनाईघाट सीमा के जरिए भारत में घुसने की कोशिश कर रहे थे। रातभर उन्हें बॉर्डर के पास ही रखा गया और सुबह सिलहट हेडक्वार्टर ले जाया गया।
मणिक पर मानहानि का मुकदमा, खालिदा जिया के पति को कहा था रजाकार
शेख हसीना के 5 अगस्त को बांग्लादेश से भागने के बाद बांग्लादेश में उनके समर्थकों के लिए हालात ठीक नहीं है। मणिक को शेख हसीना का समर्थक माना जाता है। 2022 में एक टीवी इंटरव्यू के दौरान मलिक ने विपक्षी पार्टी बीएनपी के संस्थापक और खालिदा जिया के पति दिवंगत जिया उर रहमान को रजाकार कहा था। बांग्लादेश में रजाकार का मतलब गद्दार होता है। 2022 से हसीना का शासन बांग्लादेश में था तो उन्हें इस मामले में किसी कानूनी कार्यवाही का समाना नहीं करना पड़ा लेकिन अब जबकि शेख हसीना नहीं है तो उनके खिलाफ उस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है।
इससे पहले, 5 अगस्त को इस्तीफा देकर सत्ता छोड़ने वाली शेख हसीना फिलहाल भारत में हैं लेकिन उनके समर्थकों को लगातार बांग्लादेश में प्रताड़ित किया जा रहा है। अवामी लीग के नेताओं को लगातार केसों में फंसा कर जेलों में डाला जा रहा है। कुछ दिन पहले ही पूर्व कानून मंत्री को बांग्लादेश छोड़ने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया था। कुल मिलाकर बांग्लादेश में हालात अभी अंतरिम सरकार के पक्ष में हैं लेकिन इस विकट परिस्थिति को संभालने के लिए सरकार को बेहतर प्रयास करने होंगे। हसीना के देश छोड़ने के बाद मोहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार के मुखिया के तौर पर सत्ता संभाले हुए हैं। उनके साथ आंदोलनकारी छात्रों के दो मुख्य नेता भी सरकार में शामिल हुए हैं।
मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी की प्रमुख नेता खालिदा जिया को शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ते ही आजाद कर दिया गया था। बांग्लादेश में आगामी चुनाव कब होंगे इसको लेकर कोई एक तारीख अभी तय नहीं है। मुखिया यूनुस से जब इस बारे में सवाल किया गया था तो उन्होंने कहा था कि जब हम चीजों को बेहतर तरीके से संभाल लेंगे और सिस्टम को साफ-सुथरा कर लेंगे तो फिर हम एक ईमानदारी पूर्ण और निष्पक्ष चुनाव करवाएंगे।