Causes of missed period: कई बार कुछ महिलाओं का मासिक धर्म यानी पीरियड्स मिस (missed period) हो जाता है या रुक जाता है. एक-दो महीने होता ही नहीं. ऐसे में अक्सर शादीशुदा महिलाएं घबरा जाती हैं और सोचती हैं कि कहीं वे प्रेग्नेंट तो नहीं हो गईं. आपको बता दें कि पीरियड्स मिस होने का मुख्य कारण गर्भधारण करना तो है ही, लेकिन जरूरी नहीं कि हर बार इसी वजह से आपका पीरियड्स ना हो. कई बार दो महीने से भी ऊपर हो जाएं और आप प्रेग्नेंट भी नहीं हैं तो यह गंभीर समस्या हो सकती है. इसके लिए पीरियड्स मिस होने के कई गंभीर कारण हो सकते हैं, जिन्हें समय रहते जान लेना आपकी सेहत के लिए ही बेहतर होगा.
पीरियड्स नहीं होने के कारण
एमेनोरिया- यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया लॉस एंजिल्स हेल्थ डॉट ओआरजी में छपी एक खबर के अनुसार, यदि आप प्रेग्नेंट नहीं हैं फिर भी आपका पीरियड डिले हो रहा है या एक-दो महीने से नहीं हुआ है तो आप एमेनोरिया (amenorrhea) से ग्रस्त हो सकती हैं. यह एक मेडिकल टर्म है, जिसका मतलब है मेंस्ट्रुअल साइकिल में कमी. हालांकि, एमेनोरिया कोई बीमारी नहीं है, पर यह किसी अन्य कंडीशन का लक्षण हो सकता है. ऐसे में एक्सपर्ट से जरूर दिखा लें.
उम्र- बढ़ती उम्र के कारण भी कभी-कभी पीरियड्स मिस होता है. 45 से 55 साल की उम्र के बीच जब आपका शरीर मेनोपॉज की प्रक्रिया से गुजर रहा होता है, तो भी मासिक धर्म होने में लेट हो सकती है.
स्ट्रेस- तनाव शरीर को कई तरह से प्रभावित करता है. इससे सोना, खाना-पीना, कार्य सब कुछ प्रभावित हो सकते हैं. साथ ही स्ट्रेस पीरियड्स को भी डिले करने के लिए जिम्मेदार है. एक शोध से पता चलता है कि अत्यधिक तनावग्रस्त होने से 20 से 40 वर्ष की आयु की महिलाओं में मासिक धर्म चक्र पर सीधा प्रभाव पड़ सकता है. यदि आप हर समय तनावग्रस्त (क्रोनिक स्ट्रेस) में रहती हैं तो आपका पीरियड्स पूरी तरह से रुक सकता है. तनावग्रस्त शरीर अधिक कोर्टिसोल हार्मोन बनाता है, जो आपके मस्तिष्क के उस हिस्से को प्रभावित कर सकता है, जो मासिक धर्म (हाइपोथैलेमस) को नियंत्रित करता है. जब हाइपोथैलेमस के ठीक से काम नहीं करने के कारण मासिक धर्म रुक जाता है, तो इसे हाइपोथैलेमिक एमेनोरिया कहा जाता है.
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पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)- कई बार पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के कारण भी महिलाओं में पीरियड्स रुक जाता है. जब मेल हार्मोन (एंड्रोजन) का स्तर उच्च होता है, तो पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) का निदान किया जा सकता है. हार्मोनल असंतुलन के कारण, अंडाशय पर अक्सर सिस्ट बन जाती हैं और ओव्यूलेशन रुकने का कारण बनती हैं.
वजन अधिक बढ़ना- कई बार अधिक वजन बढ़ने से भी पीरियड्स मिस हो सकता है. शरीर का कम वजन या खान-पान संबंधी विकार ओव्यूलेशन को रोक सकता है या मासिक धर्म को अनियमित कर सकता है. हाई बॉडी मास इंडेक्स (BMI) और मोटापा हॉर्मोंस मुख्य रूप से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टरोन में बदलाव का कारण बनते हैं. इस स्थिति में भी मेंस्ट्रुअल साइकिल डिले होती है.
क्रोनिक डिजीज- कुछ क्रोनिक डिजीज भी मिस पीरियड्स का कारण बनते हैं. सीलियक डिजीज, डायबिटीज, पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज, थायरॉइड और कुछ दवाओं के सेवन से भी मासिक धर्म इर्रेगुलर हो सकता है.
गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन- कुछ महिलाएं जल्दी मां ना बनने के कारण गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन करती हैं. जन्म नियंत्रण के कई रूप ओव्यूलेशन को प्रभावित करने के लिए हार्मोन पर निर्भर करते हैं. कई बार तो इन दवाओं का असर ऐसा होता है कि तीन या उससे भी अधिक माह तक पीरियड्स नहीं होता.
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FIRST PUBLISHED : March 18, 2024, 17:13 IST