Friday, June 27, 2025
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बाल ने खोला ‘बुजुर्ग’ का राज, इंटेलीजेंस की सूझबूझ से खुली पोल, 3 इशारों से हुआ साजिश का खुलासा


Intelligence Profiling Secrets: एक दिन एक बुजुर्ग सरदार जी ह्वीलचेयर पर इंदिरा गांधी अंतर्राष्‍ट्रीय एयरपोर्ट पर पहुंचते हैं. अमेरिका रवाना होने के मकसद से दिल्‍ली एयरपोर्ट पहुंचे इन सरदार जी के चेहरे पर सफेद दाढ़ी है और सिर पगड़ी से पूरी तरह छिपा हुआ है. चेकइन और इमीग्रेशन की प्रक्रिया पूरी करने के बाद सरदार जी सुरक्षा जांच के लिए पहुंचते हैं. सुरक्षा जांच के दौरान, सीआईएसएफ इंटेलीजेंस के प्रोफाइलर ने सरदार जी सुरक्षा जांच के लिए खड़े होने को कहा, लेकिन सरदार जी ने यह कहते हुए खड़े होने से इंकार कर दिया कि उन्‍हें बहुत कमजोरी है. 

इस बीच, सीआईएसएफ के प्रोफाइलर ने सरदार जी से कुछ सवाल पूछे. सरदार जी ने कुछ सवालों का जवाब इशारों से दिया, कुछ में खामोश रहे और कुछ का जवाब एक-दो शब्‍दों में देकर खामोश हो गए. सीआईएसएफ के प्रोफाइलर को सरदार जी की इस हरकत पर कुछ शक हुआ. जिसके बाद, उन्‍होंने सरदार जी को आगे झुकने के लिए कहा. इस दौरान, सरदार जी की फुर्ती देखकर सीआईएसएफ के प्रोफाइलर का शक बढ़ गया. सरदार जी की सुरक्षा जांच के दौरान, सीआईएसएफ के प्रोफाइ‍लर को सरदार जी के पीठ के बाल दिख गए जो कि काले थे. 

अब, दाढ़ी के बाल सफेद और पीठ के बाल काले देख सीआईएसएफ के प्रोफाइलर का शक काफी हद तक पुख्‍ता हो गया. जिसके बाद, सीआईएसएफ अधिकारी ने सरदार जी को सख्‍त आवाज में खड़े होने के लिए कहा. सीआईएसएफ अधिकारी की सख्‍त आवाज सुनते ही सरदार जी सकते में आ गए और उसके चेहरे के भाव कुछ सेकेंड के लिए फीके पड़ गए. बस यहीं पर सीआईएसएफ के अधिकारी ने सरदार जी की पोल खुल गई. सरदार जी की दाढ़ी नकली निकली और खुद को पंजाब का वाशिंदा बताने वाले सरदार जी गुजराती पटेल निकले. 

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बदनियत लेकर पहुंचे मुसाफिरों पर कैसे कसता है शिकंजा
दिल्‍ली एयरपोर्ट की यह इकलौती घटना नहीं है, जिसमें सीआईएसएफ के इंटेलीजेंस प्रोफाइलर ने अपनी सूझबूझ से किसी साजिश को नाकाम किया हो. बल्कि मुसाफिरों के हावभाव को पढ़कर वह लगातार गलत इरादे लेकर एयरपोर्ट पहुंचे मुसाफिरों की धरपकड़ करते रहते हैं. अब यहां पर सवाल है कि ऐसे कौन से इशारे हैं, जिनको देखकर सीआईएसएफ इंटेलीजेंस के प्रोफाइलर बदनियत वाले मुसाफिरों को पकड़ लेते हैं. चलिए, आज हम आपको बताते हैं कि वह कौन से इशारे हैं, जिनकी मदद से सामने वाले के झूठ को पकड़ा जा सकता है. 

सीआईएसएफ इंटेलीजेंस विंग का नेतृत्‍व कर चुके वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, किसी भी शख्‍स के हावभाव और बॉडी लैंग्वेज उसकी करतूतों को बयां करने के लिए काफी हैं. मसलन, गलत इरादा लेकर एयरपोर्ट आए मुसाफिर के हावभाव में स्‍वत: एक बदलाव आ जाता है. यदि मुसाफिर उन बदलावों को छुपाना भी चाहे तो वह चाह कर भी ऐसा नहीं कर सकता है. शरीर में आए यही स्‍वत: बदलावों से इंटेलीजेंस विंग के प्रोफाइलर को संकेत मिलते हैं और उनको बेहद आसानी से पकड़ा जा सकता है. 

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शरीर में आने वाले वह पांच इशारे, जिनते होती है नापाक इरादों की पहचान

  1. अनावश्‍यक रूप से जगह जगह पर रुकना: इंटेलीजेंस प्रोफाइलर की ऐसे मुसाफिरों पर खास नजर रहती है जो बेवजह जगह जगह पर रुककर लंबा समय गुजारते हैं. सामान्‍य प्रक्रिया में घरेलू यात्रा करने वाले मुसाफिर अपना बैगेज चेकइन कराकर सिक्‍योरिटी के लिए बढ़ जाते हैं. वहीं, अंतर्राष्‍ट्रीय यात्रा पर जा रहे मुसाफिर चेकइन के बाद इमीग्रेशन और सिक्‍योरिटी की प्रक्रिया पूरी करते हैं. वे अनावश्‍यक रूप से कहीं पर भी खड़े होकर अपना समय खराब नहीं करते हैं. वहीं, गलत इरादे से आए मुसाफिर जगह जगह रुक कर वहां के माहौल और गतिविधियों की टोह लेने की कोशिश करते हैं.

  1. सुरक्षा कर्मियों और कैमरों पर पैनी नजर: गलत इरादा लेकर आए मुसाफिरों की पैनी नजर सुरक्षा कर्मियों और टर्मिनल में लगे सीसीटीवी कैमरों पर होती है. ऐसे में इंटेलीजेंस विंग के प्रोफाइलर उन यात्रियों पर विशेष ध्‍यान रखते हैं, जिनकी निगारहे सुरक्षा व्‍यवस्‍था, सुरक्षा कर्मी और सीसीटीवी कैमरों को टटोलती रहती हैं. ऐसे लोगों से पहले सामान्‍य बातचीत की जाती है. बातचीत के दौरान मुसाफिर के हावभाव पढ़ने की कोशिश की जाती है. संदेह होने पर यात्री से सघन पूछताछ की जाती है और उसे मामले के अनुसार संबंधित एजेंसी को सौंप दिया जाता है.

  1. मौसम के विपरीत कपड़ों का पहनावा: यात्रियों का पहनावा प्रोफाइलिंग में बेहद मददगार साबित होता है. मसलन गर्मी के मौसम में किसी मुसाफिर ने अनावश्‍यक रूप से कपड़े पहन रखे हैं तो वह इंटेलीजेंस विंग की नजर में होगा. ऐसे मुसाफिरों के बारे में पहले सीसीटीवी कंट्रोल रूम को सूचित किया जाता है, जो उस यात्री पर कैमरों के जरिए नजर रखती है. इसके बाद, वह यात्री जिस सिक्‍योरिटी बूथ में सुरक्षा जांच के लिए जाता है, वहां तैनात सुरक्षा अधिकारी को इस बाबत बताया जाता है. जांच के दौरन कुछ गड़बड़ पाए जाने पर उस यात्री को संबंधित एजेंसी के सुपुद कर दिया जाता है. 

  1. सुरक्षा अधिकारी से बातचीत न करने की कोशिश: सुरक्षा जांच के लिए तैनात सभी सीआईएसएफ के अधिकारियों को कुछ सवाल दिए जाते हैं, जो इन सवालों को वह अलग-अलग मुसाफिरों से पूछते हैं. मसलन, आप कैसे हैं? आपका नाम क्‍या है? गंतव्‍य का नाम लेते हुए क्‍या आप घूमने जा रहे हैं? जैसे सवाल यात्रियों से सामान्‍य बातचीत में पूछे जाते हैं. इस बातचीत के दौरान, मुसाफिर की आवाज से उसकी उम्र का अंदाजा लगाया जाता है. साथ ही, उसकी मनोस्थिति और हड़बड़ाहट को पकड़ने की कोशिश की जाती है. 

5. मुसाफिर की चाल भी बताती है उसके मंसूबे: सीआईएसएफ इंटेलीजेंस विंग का नेतृत्‍व कर चुके वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, मुसाफिर की चाल उसके मंसूबों को बयां करती है. उदाहरण के तौर पर यदि किसी मुसाफिर ने किसी तरह का मादक पदार्थ या दूसरा कोई प्रतिबंधित सामान अपने कपड़ों के बीच में छिपा रखा है तो उसकी चाल बदल जाती है. उसके कदमों में भारी पन आ जाता है. मुसाफिरों की चाल के जरिए इंटेलीजेंस विंग के प्रोफाइलर संदिग्‍ध मुसाफिरों की पहचान बड़ी आसानी से कर लेते हैं. 

Tags: Airport Diaries, CISF, Delhi airport, Intelligence agency



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