Saturday, February 22, 2025
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भांजे की सगाई में पहुंचे जगन रेड्डी, लेकिन बहन से नहीं मिलाई आंखें!


हैदराबाद: आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की राजनीति में एक सगाई समारोह की खूब चर्चा हो रही है. दरअसल, यह सगाई किसी आम परिवार की नहीं है, बल्कि इसमें दो राज्यों के सबसे अहम राजनीतिक चेहरे शामिल हैं. यह सगाई थी आंध्र प्रदेश कांग्रेस की प्रमुख और मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की बहन वाईएस शर्मिला के बेटे की. राजनीतिक रूप से शर्मिला और उनके भाई जगन रेड्डी एक दूसरे के विरोधी हैं. फिर भांजे की सगाई में उसे आशीर्वाद देने जगन रेड्डी अपनी पत्नी संग शामिल हुए. वह पत्नी वाईएस भारती रेड्डी के साथ सहज अंदाज में कार्यक्रम स्थल पहुंचे. भावी जोड़े की ओर बढ़ते समय उन्होंने कुछ रिश्तेदारों से थोड़ी बातचीत की और उनमें से कुछ को गले भी लगाया. बाद में सीएम दंपत्ति ने दूल्हे वाईएस राजा रेड्डी और दुल्हन अटलुरी प्रिया को शुभकामनाएं दीं.

लेकिन सोशल मीडिया चर्चा है कि जब जगन कार्यक्रम स्थल पर अपनी बहन शर्मिला से मिले तो उन्होंने उनसे नजरें नहीं मिलाईं. उन्होंने उसके साथ एक छोटी सी औपचारिक बातचीत की. इस कार्यक्रम में वाईएस विजयम्मा सबसे खुश लग रही थीं, जब उनके बेटे जगन ने उन्हें प्यार और स्नेह से गले लगाया. साथ ही, उनकी आंखों में उनके बेटे (जगन) और बेटी (शर्मिला) के बीच उपजे राजनीतिक मतभेद को लेकर दुख भी झलक रहा था. राजनीतिक विश्लेषकों की राय है कि निकट भविष्य में भाई-बहनों के बीच मतभेद खत्म नहीं होंगे.

वाईएस जगन मोहन रेड्डी और वाईएस शर्मिला अविभाजित आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वाईएस राजशेखर रेड्डी की संतानें हैं. पिता के आकस्मिक निधन के बाद जगन मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने उनके प्रस्ताव पर विचार नहीं किया और जगन ने एक नई राजनीतिक पार्टी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) लॉन्च की. 2014 के चुनावों में उन्होंने अपने दम पर चुनाव लड़ा. उनकी पार्टी सत्ता हासिल करने में विफल रही, हालांकि उनकी बहन वाईएस शर्मिला और उनकी मां वाईएस विजयम्मा ने उनका समर्थन किया और पार्टी उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

क्या है विवाद
मां और बेटी ने 2019 के चुनाव में भी ऐसा ही किया. उस वक्त वाईएस जगन मोहन रेड्डी पहली बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. सूत्रों के अनुसार शर्मिला और जगन के बीच विवाद की मुख्य जड़ संपत्ति है. शर्मिला को पार्टी के साथ-साथ सरकार में भी कोई पद नहीं मिला. फिर शर्मिला ने वाईएसआर तेलंगाना पार्टी (वाईएसआरटीपी) नाम से अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी शुरू करके तेलंगाना की राजनीति में कदम रखा. उन्होंने अपने दिवंगत पिता वाईएस राजशेखर रेड्डी के नक्शेकदम पर चलते हुए नवगठित राज्य में जोरदार पैदल यात्रा की. राजशेखर ने अविभाजित आंध्र प्रदेश में पद यात्रा करके 2004 में कांग्रेस पार्टी को सत्ता में लाया था.

शर्मिला ने अन्य दलों को विश्वास में लेकर तेलंगाना में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव लड़ने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं. उन्होंने अपना राजनीतिक आधार आंध्र प्रदेश में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया. इससे उनके भाई जगन की सत्तारूढ़ वाईएसआरसी पार्टी परेशानी में आ सकती है. शर्मिला ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष अध्यक्ष डीके शिवकुमार से मुलाकात की. फिर वाईएसआरटीपी ने कांग्रेस में विलय कर लिया. कांग्रेस आंध्र प्रदेश में पार्टी को एक नई ताकत दे रही है. आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस आलाकमान ने शर्मिला को आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीपीसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया है. इस कारण जगन और शर्मिला के बीच दूरियां बढ़ा दी हैं.

Tags: CM Jagan Mohan Reddy



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