नई दिल्ली: हमास के हमले के बाद गाजा पट्टी में इजरायल-फिलिस्तीन के बीच जंग जारी है. इजरायल-हमास जंग में भारत सरकार का क्या स्टैंड है, इसे शीर्ष सरकारी सूत्रों ने समझाया है. टॉप सरकारी सूत्रों ने सीएनएन-न्यूज18 को बताया कि इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे युद्ध को लेकर भारत काफी चिंतित है, मगर आतंकवाद के मोर्चे पर इजरायल के साथ खड़ा है क्योंकि देश की नीति आतंकवाद के प्रति सख्ती से जीरो टॉलरेंस की है.
टॉप सरकारी सूत्रों ने कहा कि जंग मुख्य रूप से आतंकी मोर्चे पर हमास और इजरायल के बीच है और केंद्र सरकार इजरायल-फिलिस्तीन के क्षेत्रीय मुद्दे से अवगत है. सरकारी सूत्र ने कहा, ‘हमास ने गलत किया है और इजरायल को अपने नागरिकों और क्षेत्र की रक्षा करने का पूरा अधिकार है. केंद्र सरकार शांतिपूर्ण समाधान के लिए सऊदी, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात सहित सभी मध्य पूर्व देशों के साथ बातचीत कर रही है.’
दरअसल, इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने उन्हें फोन किया और उन्हें इजरायल और हमास के बीच जारी जंग पर लेटेस्ट जानकारी दी. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि उन्होंने नेतन्याहू को आश्वासन दिया कि भारत इस कठिन घड़ी में इजरायल के साथ खड़ा है. उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि भारत आतंकवाद के सभी रूपों की कड़ी और स्पष्ट रूप से निंदा करता है.
इस बीच इजरायल ने बुधवार को भारत से हमास को एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित करने के लिए कहा, जैसा कि कई अन्य देशों ने किया है. यहां तक कि उसने आतंकी संगठन हमास के खिलाफ अपने अभियानों के लिए नई दिल्ली के ठोस समर्थन की भी सराहना की. नई दिल्ली में इजरायली राजदूत नाओर गिलोन ने कहा कि 7 अक्टूबर को इजरायली शहरों पर हुए घातक हमलों के बाद हमास को एक आतंकवादी संगठन के रूप में प्रतिबंधित करने की आवश्यकता को भारत के साथ उठाया गया.
मीडिया ब्रीफिंग में उन्होंने कहा कि दुनिया के अहम देश हमारे साथ हैं. ये दुनिया के लोकतंत्र हैं. ऐसा कहने के बाद…मुझे लगता है कि अब भारत में हमास को आधिकारिक तौर पर एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित करने का भी समय आ गया है. इजरायली राजदूत ने कहा कि अमेरिका, कनाडा के साथ-साथ यूरोपीय संघ सहित कई देशों ने पहले ही हमास को एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित कर दिया है.

गिलोन ने भारत में हमास को एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित करने के इजरायल के आह्वान के बारे में कहा कि हमने यहां संबंधित अधिकारियों से बात की है. यह पहली बार नहीं है जब हमने इस बारे में बात की है. मुझे लगता है कि हम दोनों आतंकवाद के खतरे को समझते हैं. यह कोई ऐसी चीज़ नहीं है जिसे लेकर हम दबाव डाल रहे हैं. हमें लगता है कि यह आतंकवाद के खिलाफ हमारे साझा युद्ध के कारण है. उन्होंने आगे कहा कि हमने हमास के हमले के बाद मुद्दा उठाया और हम अभी भी बातचीत कर रहे हैं. हम भारत से बात कर रहे हैं. यह एक दोस्ताना बातचीत है.
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FIRST PUBLISHED : October 27, 2023, 20:51 IST