Saturday, February 22, 2025
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भारत संग रिश्ते सुधारने का मुइज्जू को हुआ बड़ा फायदा, कैसे मालदीव के भीतर होने लगे मजबूत


मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को भारत संग रिश्ते सुधारने की पहले से बड़ा फायदा हुआ है। यहां की मुख्य विपक्षी पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) ने इस फैसले का स्वागत किया है। साथ ही, इस बात की पुष्टि भी कर दी कि संकट के समय में भारत मालदीव का सबसे विश्वसनीय भागीदार रहा है। एमडीपी प्रमुख अब्दुल्ला शाहिद मालदीव के विदेश मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने मुइज्जू प्रशासन से अधिकारियों के झूठ और गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक माफी मांगने को भी कहा। इन बयानों के चलते ही मालदीव को आर्थिक तौर पर बड़ा नुकसान पहुंचा है।

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर मालदीव की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। जयशंकर से मुलाकात के बाद अब्दुल्ला शाहिद ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘मालदीव को हमेशा इस बात का विश्वास रहा है कि जब भी वह इंटरनेशनल नंबर 911 डायल करेगा तो भारत पहला उत्तरदाता होगा।’ उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार के आक्रामक नारों और उपहास के जरिए भारत विरोधी भावनाओं को भड़काया गया। टाइम-टेस्टेड फ्रेंड और डेवलपमेंट पार्टनर की क्षेत्रीय बदमाश के तौर पर ब्रांडिंग की गई। इसके कारण मालदीव को अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा में गिरावट, आर्थिक नुकसान और अनावश्यक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

ऐतिहासिक संबंधों को मजबूत करने पर जोर

बता दें कि राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत के साथ घनिष्ठ और ऐतिहासिक संबंधों को मजबूत करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है। उन्होंने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की, जो 6 प्रमुख क्षेत्रों में (आर्थिक संबंधों, आवास, रक्षा, पर्यटन, क्षमता विकास और बुनियादी ढांचा विकास) को मजबूत करने पर केंद्रित थी। राष्ट्रपति कार्यालय में हुई बैठक के दौरान राष्ट्रपति मुइज्जू ने मालदीव में भारतीय विदेश मंत्री का स्वागत किया। मुइज्जू ने जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए अपनी भारत यात्रा के दौरान गर्मजोशी और दयालु आतिथ्य के लिए भारत सरकार के प्रति अपना आभार दोहराया। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने पर केंद्रित व्यापक चर्चा हुई।

कैसे भारत और मालदीव के रिश्तों में आया तनाव

चीन के प्रति झुकाव के लिए जाने जाने वाले मुइज्जू के राष्ट्रपति का कार्यभार संभालने के बाद से भारत और मालदीव के बीच पिछले साल संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। पद की शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर मुइज्जू ने अपने देश से भारतीय सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने की मांग की थी। साथ ही, मालदीव के नेताओं की ओर से लक्ष्यद्वीप को लेकर दिए बयान से बात और ज्यादा बिगड़ गई। हालांकि, मुइज्जू और उनकी पार्टी के नेताओं की अक्ल जल्द ही ठिकाने आ गई और अब वे भारत से रिश्ते सुधारने में लगे हैं। इसे लेकर विपक्षी नेता शाहिद ने कहा, ‘एमडीपी को उम्मीद है कि यह बदलाव अस्थाई या दिखावा नहीं होगा, बल्कि मालदीव के लोगों के सर्वोत्तम हित में होगा।’ इस तरह देश के भीतर विपक्षी दल से मिली तारीफ और देशवासियों के समर्थन से उनकी स्थिति मजबूत होती दिखती है।



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