मिडिल ईस्ट में काफी वक्त से गदर मचा हुआ है। अक्टूबर 2023 में इजरायल और हमास के बीच शुरू हुए युद्ध ने वहां की स्थिति को और गंभीर बना दिया है। इस युद्ध में एक के बाद एक नए-नए मोर्चे खोले जा रहे हैं। पिछले कुछ हफ्तों में हमास के बाद ईरान समर्थित ग्रुप हिजबुल्लाह के साथ इजरायल की जंग हुई। कई वक्त से ईरान और इजरायल प्रॉक्सी वॉर के भिड़े हुए थे। मगर अब दोनों आमने-सामने आ गए हैं। मिडिल ईस्ट के संघर्ष की कड़ी सिर्फ इजरायल बनाम ईरान, हिजबुल्लाह या हमास के साथ ही नहीं जुड़ी है, बल्कि इस जंग में कई और खिलाड़ी है।
कौन-कौन दे रहा इजरायल का साथ
अमेरिका और इसके प्रसिद्ध ‘आयरन डोम’ की सहायता से इजरायल अक्टूबर 2023 से एक कई मोर्चों पर युद्ध लड़ रहा है। वह गाजा पट्टी में हमास, लेबनान में हिजबुल्लाह और यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ संघर्ष कर रहा है। इजरायल ने हमास को समाप्त करने का संकल्प लिया है और चेतावनी दी है कि यदि उसे निशाना बनाया गया, तो ईरान और ईरान समर्थित मिलिशियाओं के खिलाफ प्रतिशोधी कार्रवाई की जाएगी। इजरायल समर्थकों में अमेरिका, यूके, फ्रांस, जॉर्डन और सऊदी अरब जैसे देश हैं।
कौन-कौन है इजरायल के खिलाफ
ईरान पहले इजरायल पर ज्यादातर प्रॉक्सी युद्ध कर रहा था मगर हाल के महीनों में दोनों के बीच सीधे मोर्चे पर लड़ाई हुई। 1 अक्टूबर को ईरान ने इजरायल पर 200 मिसाइलें दागी, जो हिज़्बुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह की हत्या और हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हनिएह की तेहरान में हत्या का प्रतिशोध था। ईरान ने अपने सहयोगियों को एकत्रित करके इजरायल को चारों ओर से घेरने की कोशिश की है। इजरायल के खिलाफ इस जंग में यमन के हूती, हमास और लेबनानी समूह हिजबुल्लाह है। तुर्किये के पहले इजरायल के साथ अच्छे संबंध रहे हैं मगर हाल के दिनों में वह नेतन्याहू के खिलाफ नजर आ रहा है।
इन देशों ने बना रखा कूटनीतिक रिश्ता
मिडिल ईस्ट के संघर्ष में कई देश कूटनीतिक तौर पर अपने रिश्तों को आगे बढ़ा रहे हैं इसमें सऊदी अरब, जॉर्डन और तुर्किये जैसे देश शामिल हैं। सऊदी अरब ने इजरायल के साथ मजबूत सुरक्षा संबंध स्थापित किए हैं, मगर उसने कूटनीतिक संतुलन बनाए रखा है। उसने इजरायल की आक्रामकता की निंदा की है और तत्काल युद्धविराम की मांग की है, साथ ही उसने अप्रैल में इराक पर इजरायल के हमले के लिए ईरान की योजनाओं की जानकारी भी साझा की थी।
अन्य देश जैसे जॉर्डन की बात करें तो बढ़ते संघर्ष के बीच इस देश ने भी खुद को उलझा हुआ पाया है, जहां जनवरी में अमेरिका के एक सेना ठिकाने पर इराकी मिलिशियाओं ने हमला किया था। जॉर्डन ने गाजा को सहायता भेजी है और इजरायल के साथ कूटनीतिक संबंध बनाए रखा है।
बात करें तुर्किये की तो उसके पहले इजरायल के साथ अच्छे थे। मगर हाल के संघर्ष के मद्देनजर राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगान ने इजरायल की आलोचना की है। तुर्किये ने हमास के साथ संबंध बनाए रखे हैं और घायल फिलिस्तीनियों को इलाज के लिए एयरलिफ्ट किया है। इस तरह मिडिल ईस्ट का यह संघर्ष विभिन्न शक्तियों के बीच शक्ति संतुलन को प्रभावित कर रहा है। इन देशों को यह तय करना मुश्किल हो रहा है कि कि किसका पक्ष लिया जाए। स्थिति की जटिलता बढ़ती जा रही है और मिडिल ईस्ट का गदर और भी बड़ा होता जा रहा है।