नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय में सोमवार को चुनावी बॉन्ड पर सुनवाई के दौरान भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष के बीच तीखी बहस हुई. वरिष्ठ अधिवक्ता और वकीलों के संगठन के अध्यक्ष आदिश अग्रवाल ने पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले की स्वत: समीक्षा की मांग की थी, जिसमें उसने चुनावी बॉन्ड योजना को खत्म कर दिया था और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से राजनीतिक चंदे के सभी विवरण जारी करने का निर्देश दिया था.
जब अग्रवाल ने चुनावी बॉन्ड मामले का उल्लेख किया, तो सीजेआई ने सख्ती से जवाब दिया, “एक वरिष्ठ वकील होने के अलावा, आप एससीबीए के अध्यक्ष भी हैं. आपने मुझे एक पत्र लिखा है, जिसमें आपने मुझे स्वत: प्रेरणा शक्तियों का इस्तेमाल करने को कहा है. ये सभी प्रचार-संबंधी चीजें हैं और हम इसमें नहीं पड़ेंगे. मुझे और कुछ मत कहिए. यह बुरा होगा.”
वरिष्ठ वकील ने उस समय विवाद खड़ा कर दिया था जब उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर उनसे चुनावी बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का राष्ट्रपति संदर्भ लेने का आग्रह किया था. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने खुद को उनके विचारों से अलग कर लिया था और कहा था कि पैनल के सदस्यों ने अग्रवाल को राष्ट्रपति को लिखने के लिए अधिकृत नहीं किया था.
एससीबीए ने अपने एक बयान में कहा था, “सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की कार्यकारी समिति के लिए यह स्पष्ट करना जरूरी हो गया है कि समिति के सदस्यों ने न तो अध्यक्ष (अग्रवाल) को ऐसा कोई पत्र लिखने के लिए अधिकृत किया है और न ही वे उसमें व्यक्त किए गए उनके विचारों से सहमत हैं.”
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FIRST PUBLISHED : March 18, 2024, 19:20 IST