इन्स्टीट्यूट ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में 27 देशों की तुलना की है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि गिरावट दर्ज करने वाले बड़े तीन देशों में एक रूस भी शामिल है। रूस के अलावा जापान और पाकिस्तान भी एक-एक अंक नीचे लुढ़का है।
पिछले ढाई साल से ज्यादा समय से रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। इस दौरान रूस पश्चिमी देशों के कई तरह के प्रतिबंध झेल रहा है, जिसमें आर्थिक प्रतिबंध भी शामिल हैं। इन वजहों से रूस की हालत खस्ता हुई है, जबकि वह दुनिया का दूसरा शक्तिशाली देश माना जाता रहा है। ऑस्ट्रेलिया स्थित थिंक टैंक लोवी इंस्टीट्यूट ने हाल ही में नवीनतम ‘एशियन पावर इंडेक्स’ प्रकाशित किया है। इसमें रूस पांच पायदान नीचे लुढ़क गया है। माना जा रहा है कि रूस ने पिछले दो सालों में सैन्य शक्ति मजबूत करने के लिए रक्षा क्षेत्र पर अधिक खर्च किया है और इस कोशिश में कई पैमानों पर पिछड़ गया है।
इन्स्टीट्यूट ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में 27 देशों की तुलना की है। इनमें 131 संकेतकों और आठ मानदंडों पर गौर किया गया है। इसमें पाया गया है कि रूस एशिया पावर इंडेक्स 2024 में एक स्थान नीचे खिसक गया है, उसे 100 में से 31 अंक मिले हैं, जो कुल मिलाकर 0.4 अंकों की गिरावट है। इससे पहले 2023 में रूस चार अंक नीचे खिसका था। 2024 की लिस्ट में अब रूस छठे पायदान पर है।
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि गिरावट दर्ज करने वाले बड़े तीन देशों में एक रूस भी शामिल है। रूस के अलावा जापान और पाकिस्तान भी एक-एक अंक नीचे लुढ़का है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेन के खिलाफ अपने आक्रमण को मज़बूत करने के लिए युद्ध अर्थव्यवस्था को संगठित करने के कारण रूस की सैन्य शक्ति में वृद्धि हुई है लेकिन आठ में से पांच मेट्रिक्स के स्कोर में कमी आई है। इन पांच मानदंडों में सांस्कृतिक प्रभाव, आर्थिक योग्यता, लचीलापन, आर्थिक संबंध और रक्षा नेटवर्क शामिल है।
रिपोर्ट में शक्तिशाली देशों की लिस्ट में अमेरिका अभी भी नंबर वन बना हुआ है, जबकि चीन दूसरे और छलांग लगाते हुए भारत तीसरे पायदान पर पहुंच गया है। पिछले साल की तुलना में भारत ने एक अंक की छलांग लगाई है, जबकि अमेरिका और चीन अपनी-अपनी जगहों पर कायम हैं। इससे उलट जापान और रूस एक-एक अंक की कमी के साथ लिस्ट में क्रमश: चौथे और छठे स्थान पर पहुंच गए हैं। आस्ट्रेलिया ने भी एक अंक की छलांग के साथ पाँचवाँ स्थान हासिल किया है।