Sunday, June 29, 2025
Google search engine
Homeजुर्मयूरोप में बसने के लिए शुरू हुआ नया खेल, पहले एक खास...

यूरोप में बसने के लिए शुरू हुआ नया खेल, पहले एक खास वीजा और फिर यह सर्टिफिकेट बनता है मददगार, हुआ बड़ा खुलासा


Delhi Airport: बेहतर जिंदगी की आस में अब पंजाब और हरियाणा के नौजवानों का नया ठिकाना यूरोप का यह देश बन गया है. सोची समझी रणनीति के तहत, पहले ये नौजवान इस देश की किसी यूनिवर्सिटी में दाखिला लेते हैं, और फिर इस दाखिला के आधार पर स्‍टूडेंट वीजा के लिए अप्‍लाई कर देते हैं. स्‍टूडेंट वीजा मिलते ही अपना सामान पैक कर ये नौजवान निकल लेते हैं इस खास देश की तरफ.

चूंकि विदेश जाने का मकसद पहले ही दिन से अलग था, लिहाजा स्‍टूडेंट वीजा पर यूरोप के इस खास देश पहुंचने वाले नौजवानों का ध्‍यान पढ़ाई पर नहीं होता, लिहाजा उनकी कोशिश होती है कि जल्‍द से जल्‍द कोई छोटी मोटी नौकरी मिल जाए, जिससे उनके गुजर बसर के लिए रुपयों का इंतजाम हो जाए. इन सब के सामने पहली मुसीबत तब आती है, जब इनके स्‍टूडेंट वीजा की अवधि खत्‍म हो जाती है.

वीजा खत्‍म होने के बाद का बैकअप प्‍लान
दरअसल, यहां पर यूरोप के जिस खास देश की बात कर रहे हैं, उसका नाम है साइप्रस. आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस की वरिष्‍ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि साइप्रस में स्‍टूडेंट वीजा की अवधि महज एक साल की होती है. लिहाजा, एक साल की अवधि में ये नौजवान अपने रहने और काम कर इंतजाम कर लेते हैं. वीजा की अवधि खत्‍म होने के बाद इनके पास दूसरा बैकअप प्‍लान पहले से तैयार रहता है.

क्‍या है साइप्रस में बसने का बैकअप प्‍लान?
उन्‍होंने बताया कि वीजा की अवधि खत्‍म करने के बाद कई नौजवान नए कोर्स या नई यूनिवर्सिटी में दाखिला ले लेते है. जिनको दाखिला नहीं मिलता, वह वीजा अवधि खत्‍म होने के बाद भी वहां अवैध रूप से रहने लगते हैं. कुछ समय के बाद ये लोग शरणार्थी प्रमाणपत्र के लिए आवेदन कर देते हैं. शरणार्थी प्रमाणपत्र मिलते ही इन लोगों को कुछ सालों के लिए साइप्रस में रहने की इजाजत मिल जाती है.

कहां से शुरू होती है इनकी असल मुसीबत
वरिष्‍ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि साइप्रस में वीजा की अवधि खत्‍म होने के बाद शरणार्थी प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करने वाले नौजवानों की मुसीबतें कभी कम नहीं होती हैं. दरअसल, शरणार्थी प्रमाणपत्र एक निश्‍चित अवधि के लिए होता है, यह अवधि खत्‍म होने के बाद उनको शरणार्थी प्रमाणपत्र के रिन्‍यूवल के लिए अप्‍लाई करना पड़ता है. प्रमाणपत्र रिन्‍यू नहीं होंने पर डिपोर्ट कर दिया जाता है.

ब्‍लैक लिस्‍ट-अरेस्‍ट से बचने के लिए नया जाल
ओवर स्‍टे के चलते डिपोर्ट किए जाने वाले नौजवानों को यह पता होता है कि उन्‍हें न केवल साइप्रस, बल्कि पूरे यूरोप में उनको ब्‍लैक लिस्‍ट कर दिया जाएगा. इसके अलावा, स्‍वदेश पहुंचने पर उन पर गिरफ्तारी की तलवार भी लटकने लगती है. इन परिस्थितियों से बचने के लिए ज्‍यादातर नौजवान एजेंट्स के जरिए किसी दूसरे के पासपोर्ट पर स्‍वदेश वापसी करना चाहते हैं. ऐसी स्थिति में वह लाखों रुपए खर्च कर अपनी गिरफ्तारी का नया रास्‍ता तैयार कर लेते हैं.

इस पूरे मामले का खुलासा साइप्रस से डिपोर्ट किए गए थॉमस नामक यात्री के गिरफ्तारी के बाद हुआ है. कौन है यह थॉमस और क्‍या है पूरा मामला, जानने के लिए ‘साइप्रस से वतन वापसी के लिए रचा अनूठा खेल, लेकिन एक तारीख ने फेर दिया पूरी साजिश पर पानी, दो गिरफ्तार’ पर क्लिक करें.

Tags: Airport Diaries, Airport Security, Aviation News, Crime News, Delhi airport, Delhi police, IGI airport, CISF



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments