कल्पना कीजिए, अगर रात के अंधेरे में भी सूरज की रोशनी आपकी छत पर आ जाए तो कैसा होगा! सुनने में तो यह सपना जैसा ही लगता है लेकिन यह सपना जल्द ही हकीकत बन सकता है, अगर रिफ्लेक्ट ऑर्बिटल (Reflect Orbital) की योजना सफल होती है। कैलिफोर्निया स्थित स्टार्टअप कंपनी Reflect Orbital का उद्देश्य है कि वह अंतरिक्ष में सैटेलाइट्स की मदद से सूर्य की रोशनी को पृथ्वी पर रात के समय में रिफ्लेक्ट कर सके, जिससे एनर्जी प्रोडक्शन बिना किसी बाधा के जारी रहे।
सैटेलाइट्स भेजने की योजना बना
रिफ्लेक्ट ऑर्बिटल के सीईओ बेन नोवाक ने हाल ही में लंदन में आयोजित ‘इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन एनर्जी फ्रॉम स्पेस’ में इस योजना को प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि कंपनी अंतरिक्ष में ऐसे सैटेलाइट्स भेजने की योजना बना रही है जो सूरज की रोशनी को इकट्ठा करके उसे धरती के सोलर पैनल्स पर रात के समय में भेज सके। इस प्रक्रिया को “सनलाइट ऑन डिमांड” कहा जा रहा है, जिसमें सूरज की रोशनी को दिन-रात के बंधन से मुक्त कर दिया जाएगा। इसका मतलब है कि अब हमें ऊर्जा के लिए दिन का इंतजार नहीं करना पड़ेगा, बल्कि इसे किसी भी समय और कहीं से भी प्राप्त किया जा सकेगा।
डेली मेल को दिए इंटरव्यू में नोवाक ने कहा, “मेरे पास सौर ऊर्जा से जुड़ी वास्तविक समस्या को हल करने का एक दिलचस्प तरीका है। यह एक अजेय शक्ति है। हर कोई हर जगह ढेर सारे सौर पैनल लगा रहा है। यह असल में मानवता को ऊर्जा प्रदान करने के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। लेकिन सूरज की रोशनी रात के समय बंद हो जाती है। अगर आप इस मूलभूत समस्या को भी हल कर देते हैं, तो आप हर जगह सौर ऊर्जा को हासिल करने की बाधा से निजात पा लेंगे।”
रात के अंधेरे में भी सौर ऊर्जा की अप्रयुक्त क्षमता
नोवाक ने बताया कि कैसे वे अपनी कंपनी के जरिए दिन के उजाले में ही नहीं बल्कि रात के अंधेरे में भी सौर ऊर्जा की अप्रयुक्त क्षमता का दोहन कर सकते हैं और दुनिया की बिजली उत्पादन क्षमताओं को बढ़ा सकते हैं। इस बेहद अनोखे आइडिया को आकर्षक वीडियो फुटेज के माध्यम से दिखाया गया। उन्होंने दिखाया कि कैसे रात के आसमान को परावर्तित सूर्य के प्रकाश से रोशन किया जा सकता है।
कॉन्फ्रेंस के दौरान, नोवाक ने कहा कि, “समस्या यह है कि सौर ऊर्जा तब उपलब्ध नहीं होती जब हमें वास्तव में इसकी आवश्यकता होती है।” उन्होंने बताया कि सोलर फार्म रात में ऊर्जा उत्पन्न करने में असमर्थ हैं। नोवाक की कंपनी का लक्ष्य है कि वे अंधेरे के बाद उत्पन्न होने वाली मूल्यवान ऊर्जा को सोलर प्लांट के हाथों बेचेंगे। जिससे लोगों के घरों में रात के समय में भी भरपूर बिजली पहुंचेगी। नोवाक की योजना 57 छोटे सैटेलाइट को लॉन्च करने की है। इनमें से प्रत्येक सैटेलाइट 33-वर्ग-फुट अल्ट्रा रिफ्लेक्टिव मायलर मिरर से सुसज्जित है। इन मिरर यानी शीशों को पृथ्वी पर सौर फार्मों में सूर्य के प्रकाश को वापस रिफ्लेक्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है।
अतिरिक्त 30 मिनट की धूप
सैटेलाइट पृथ्वी की सतह से 370 मील की ऊंचाई पर परिक्रमा करेंगे। नोवाक के अनुसार, वे संभावित रूप से पीक डिमांड के समय सोलर एनर्जी प्लांट्स को अतिरिक्त 30 मिनट की धूप प्रदान कर सकते हैं। रिफ्लेक्ट ऑर्बिटल की सात व्यक्तियों वाली एक टीम ने एक हॉट एयर बैलून में 8X8 फीट का मायलर मिरर जोड़कर अपने कॉन्सेप्ट को पहले ही टेस्ट कर लिया है। मायलर मिरर इस मायने में यूनीक हैं क्योंकि कि वे बिना कांच के बनाए जाते हैं, इसके बजाय एक उभरे हुए एल्युमिनियम फ्रेम पर फैली पॉलिएस्टर फिल्म का इस्तेमाल किया जाता है। कंपनी 2025 में इसे लॉन्च करने की योजना बना रही है।