प्रियांक सौरभ/मुजफ्फरपुर: 22 जनवरी का दिन भारत के इतिहास के लिए काफी महत्वपूर्ण है. कई सालों की तपस्या के बाद आखिरकार अयोध्या में राम मंदिर का सपना पूरा हो जाएगा. आज भले ही हमें इस गौरवशाली पल का साक्षी बनने का मौका मिला है लेकिन इस सपने के पूरा होने में कई लोगों ने अपनी जान भी गंवाई है. राममंदिर निर्माण की लड़ाई में कई कारसेवकों ने अपनी जान गंवाई थी. इसमें बिहार के मुजफ्फरपुर के शहीद कारसेवक संजय कुमार सिंह भी शामिल थे. अब जाकर जब प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है, ऐसे में इस शहीद की बेटी को अयोध्या आने का आमंत्रण मिला है.
अयोध्या में होने वाले राममंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए शहीद संजय की दोनों बेटियों को आमंत्रण मिला है. आमंत्रण मिलने के बाद शहीद की छोटी बेटी कृति बेहद खुश हैं. कृति ने बताया कि अब उनके पिता का सपना पूरा होने वाला है. उन्होने बताया कि ये उनके पिता का सपना था. इसी सपने के लिए उन्होंने अपनी जान गंवाई. भले ही इस वजह से उनके सिर से पिता का साया उठ गया लेकिन भगवान राम हमेशा उनके साथ हैं. अब इस पल की साक्षी बनने का गौरव उन्हें हासिल हुआ है.
परिवार के साथ जाएंगी अयोध्या
अयोध्या आने का आमंत्रण मिलने के बाद शहीद संजय की बेटी कृति की खुशी का ठिकाना नहीं है. जब उसके सिर से पिता का साया उठा था, तब उसकी उम्र मात्र दो महीने थी. कृति अपने पति चंदन शर्मा और पुत्र अथर्व , पुत्री यतिका के साथ ट्रेन से अयोध्या जाएंगी. वो बीस को ही वहां से निकलेगी. इस यात्रा को लेकर उत्साहित कृति ने कहा कि उनके पिता जहां भी होंगे, बेहद खुश होंगे. यही उनका सपना था जो अब जाकर पूरा होने वाला है.
गोली खाकर गई थी जान
आपको बता दें कि 2 नवंबर 1990 को कारसेवकों पर मुलायम सरकार के आदेश पर गोली चलाई गई थी, जिसमे मुजफ्फरपुर के कांटी के रहने वाले संजय कुमार सिंह शहीद हो गए थे. परिवार के इकलौते चिराग संजय के निधन से परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा. उस वक्त संजय की दो बेटी थी, जिसमे छोटी बेटी कृति महज 2 महीने की थी. काफी मुश्किलों के बाद परिवार चलाने वाली शहीद की पत्नी भी कैंसर से जूझते हुए दुनियां छोड़ गई. काफी मुश्किलों में दोनों बहनों ने अपनी जिंदगी बिताई है. लेकिन अब राम मंदिर के निर्माण ने सारे दुःख हर लिए हैं.
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FIRST PUBLISHED : January 10, 2024, 15:41 IST