रूसी राष्ट्रपति पुतिन के हैरिस को सपोर्ट करने की बात पर क्रेमलिन की तरफ से जवाब आया है। विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि यह सब मजाक था। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पिछले हफ्ते ही सबको हैरत में डाल दिया था जब उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि वह चाहते हैं कि कमला हैरिस अमेरिका की राष्ट्रपति बने। अब रूस के विदेश मंत्री लावरोव ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह एक मजाक था, राष्ट्रपति पुतिन का सेंस ऑफ ह्यूमर काफी अच्छा है और वह अपने बयानों और इंटरव्यू के दौरान मजाक करते रहते हैं।
पुतिन के इन बयानों के बाद व्हाइट हाउस की तरफ से कहा गया था कि पुतिन को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के बारे में बयान देना बंद कर देना चाहिए। पुतिन के कमला हैरिस को दिए गए समर्थन के बाद से ही लोग हैरत में थे। क्योंकि कमला के उपराष्ट्रपति रहते ही अमेरिका ने रूस पर इतने प्रतिबंध लगा कर रखे हैं। इसके विपरीत डोनाल्ड ट्रंप बार-बार यह कह चुके हैं कि पुतिन हमारे दुश्मन नहीं है, हम उनके साथ बातचीत के जरिए यह मुद्दा सुलझा लेंगे।
पुतिन ने किया था कमला का सपोर्ट
एक इंटरव्यू के दौरान पुतिन ने कहा था कि रूस डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि मैंने आपको बताया कि हमारे सबेस पसंदीदा अमेरिकी राष्ट्रपति बिडेन थे। लेकिन अब जबकि उन्हें दौड़ से बाहर कर दिया गया है तो उन्होंने जो कहा है कि वह वह हैरिस का समर्थन करेंगे। तो हम भी उनकी सलाह को मानते हुए कमला हैरिस को समर्थन देते हैं। पुतिन ने कहा कि हैरिस अच्छा काम कर रही है, जहां तक डोनाल्ड ट्रंप की बात है तो उन्होंने रूस पर इतने प्रतिबंध लगाए थे जो कि अभी तक किसी ने भी नहीं लगाए थे। हमें उम्मीद है कि कमला हैरिस जब जीतेंगी तो वह ट्रंप जैसा कोई भी काम करने से बचेंगी।
दरअसल, अमेरिका की तरफ से रूस पर यह आरोप कई बार लगाए जाते हैं कि वह अमेरिका राष्ट्रपति चुनावों को प्रभावित करने का प्रयास करता है। अमेरिका लगातार रूस के खिलाफ यूक्रेन की मदद कर रहा है। जो बाइडेन और कमला हैरिस के शासनकाल में यूक्रेन को लगातार सहायता दी जा रही है। वही ट्रंप को यूक्रेन के खिलाफ बोलता देखा जा सकता है। ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को लेकर कहा था कि वह एक व्यापारी की तरह आते हैं और डॉलर समेट कर चले जाते हैं। वहीं नाटो के बारे में ट्रंप का मानना कहना था कि यूरोप को अब अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी खुद लेनी चाहिए न कि नाटो के भरोसे रहना चाहिए। क्योंकि अमेरिका नाटो के लिए जितना खर्च करता है उतना कोई भी दूसरा नाटो सद्स्य नहीं करता है।