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Delhi News: अनजान नंबर से व्हाट्सएप पर आए मैसेज को उसने नजरअंदाज कर दिया. लेकिन, एक के बाद एक आ रहे मैसेज धीरे-धीरे उसे सम्मोहित से करने लगे थे. इसके बाद, कुछ ऐसा हुआ, जिसकी उम्मीद पीड़ित ने कभी नहीं की थी.

हाइलाइट्स
- व्हाट्सएप मैसेज के जरिए हुए साजिश का शिकार.
- दांव पर लग गया था इस परिवार का सबकुछ.
- पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर भेजा जेल.
Delhi News: कंवल कुमार गुलाटी दिल्ली के शाहदरा इलाके में रहने वाले एक साधारण व्यक्ति हैं. उनकी ज़िंदगी परिवार और नौकरी के इर्द-गिर्द घूमती थी. एक दिन, व्हाट्सएप पर एक अनजान नंबर से संदेश आया- ‘छोटा इंवेस्टमेंट, मोटा रिटर्न’. पहले तो कंवल ने इसे नज़रअंदाज़ कर दिया, लेकिन जब उसने देखा कि कुछ लोगों के अनुभव और प्रॉफिट के स्क्रीनशॉट साझा किए जा रहे थे, तो उसका मन डोलने लगा.
मैसेज पर भरोसा कर इंवेस्टमेंट पांच हजार रुपए से शुरू हुई, फिर पचास हज़ार, और फिर लाखों रुपये इंवेस्ट कर दिए गए. रुपयों की हर किस्त के साथ चंद दिनों में मुनाफे का मिल जाता. लेकिन फिर अचानक सबकुछ गायब हो गया- कोई संपर्क नहीं, कोई जवाब नहीं. आखिर में, कंवल को एहसास हुआ कि वह साइबर ठगी का शिकार हो चुका है. गुस्से और निराशा में उसने शाहदरा साइबर पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराई.
मोबाइल लोकेशन से खुला बड़ा राज
मामला ₹5,38,900 की धोखाधड़ी का था, लिहाजा पुलिस ने गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू की. जांच टीम ने सबसे पहले लेन-देन के बैंक डिटेल्स खंगालने शुरू किए. पैसों की ट्रांजैक्शन को ट्रेस करने पर उन्हें कुछ संदिग्ध खातों की जानकारी मिली. टीम ने तुरंत तकनीकी विश्लेषण शुरू किया और फ़ोन नंबरों की लोकेशन ट्रैक की गई. एक दिन पुलिस टीम को मामले से जुड़े दो संदिग्ध व्यक्तियों के बारे में खबर मिली.
पूरी तैयारी के साथ शाहदरा साइबर पुलिस ने दिल्ली में रेड मारी और दो आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया. आरोपियों की पहचान गौरव और गगनदीप के तौर पर हुई. 27 वर्षीय गौरव 9वीं पास है और कपड़ों की दुकान में सेल्समैन के तौर पर काम करता है. वहीं 27 वर्षीय गगनदीप एक ग्राफिक डिज़ाइनर है. गिरफ्तारी के बाद आरोपियों के कब्जे से मोबाइल फ़ोन, लैपटॉप, बैंक पासबुक और सिम कार्ड बरामद किए.
कंवल के मन में जागी नई उम्मीद
पूछताछ में पता चला कि दोनों एक ठगी गिरोह का हिस्सा थे, जो मासूम लोगों को तेज़ मुनाफ़े का लालच देकर ठगता था. गौरव और गगनदीप की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को गिरोह के और भी सदस्यों तक पहुंचने उम्मीद है. कंवल कुमार को राहत महसूस हुई कि कम से कम अपराधियों को पकड़ लिया गया था. उन्हें आशा है कि जल्द ही उनका गाढ़ी कमाई का रुपया भी उन्हें वापस मिल जाएगा.
March 08, 2025, 18:28 IST