Wednesday, June 25, 2025
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शिक्षक दिवस पर पढ़ें डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के ये 10 प्रेरणादायी विचार, करियर न्यूज़


Dr Sarvepalli Radhakrishnan Quotes : देश के दूसरे राष्ट्रपति और पहले उपराष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन स्कूल व कॉलेजों में छात्र छात्राएं अपने शिक्षकों के सम्मान में भाषण देकर या कविताएं पढ़कर उनके प्रति आभार जताते हैं। टीचर्स डे का दिन वह अवसर होता है, जब हम अपने शिक्षकों को उनके मार्गदर्शन और ज्ञान देने के लिए तहे दिल से धन्यवाद देते हैं। सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक मशहूर दार्शनिक और शिक्षाविद थे। उनका जन्म 5 सितम्बर 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी गांव में हुआ था। वह शिक्षा के बड़े पक्षधर रहे। उन्होंने भारतीय संस्कृति का देश-विदेश में प्रचार-प्रसार किया। एक बार राधाकृष्णन के कुछ शिष्यों ने मिलकर उनका जन्मदिन मनाने का सोचा। इसे लेकर जब वे उनसे अनुमति लेने पहुंचे तो राधाकृष्णन ने कहा कि मेरा जन्मदिन अलग से मनाने की बजाय अगर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाएगा तो मुझे गर्व होगा। इसके बाद से ही 5 सितम्बर का दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। पहली बार शिक्षक दिवस 1962 में मनाया गया था।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन कहते थे कि एक छोटा सा इतिहास बनाने में सदियां लग जाती हैं, एक परंपरा बनाने में सदियों का इतिहास लग जाता है। उनका कहना था कि छात्रों को कल्पनाशील होने के साथ-साथ स्वस्थ और आत्मविश्वासी भी होना चाहिए। यह उसके लक्ष्य तक पहुंचने का रास्ता प्रशस्त करता है। वे यह कहते थे कि शिक्षा के द्वारा ही मानव मस्तिष्क का सदुपयोग किया जा सकता है। ऐसे में विश्व को एक ही इकाई मानकर शिक्षा का प्रबंधन करना चाहिए।

यहां पढ़ें डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के प्रेरणादायी विचार ( Teachers Day 2024: Inspirational quotes by Dr. Sarvopalli Radhakrisnan )

1- ज्ञान इंसान को शक्ति देता है जबकि प्रेम हमें पूर्णता देता है।

2- केवल निर्मल मन वाला व्यक्ति ही जीवन के आध्यात्मिक अर्थ को समझ सकता है। स्वयं के साथ ईमानदारी आध्यात्मिक अखंडता की अनिवार्यता है। 

3- शिक्षक वह नहीं जो छात्र के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठूंसे, बल्कि वास्तविक शिक्षक तो वह है जो उसे आने वाले कल की चुनौतियों के लिए तैयार करें।

4- कोई भी आजादी तब तक सच्ची नहीं होती,जब तक उसे विचार की आजादी प्राप्त न हो। किसी भी धार्मिक विश्वास या राजनीतिक सिद्धांत को सत्य की खोज में बाधा नहीं देनी चाहिए।

5- किताबें पढ़ने से हमें एकांत में विचार करने की आदत और सच्ची खुशी मिलती है। पुस्तकें वो साधन हैं, जिनके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों के बीच पुल का निर्माण कर सकते हैं।

6- धर्म आचरण है, मात्र विश्वास नहीं।

7- जब हम सोचते हैं कि हम जानते हैं तो हम सीखना बंद कर देते हैं।

8- सच्चे शिक्षक वे हैं जो हमें अपने बारे में सोचने में मदद करते हैं।

9- शांति, राजनीतिक या आर्थिक बदलाव से नहीं आ सकती बल्कि मानवीय स्वभाव में बदलाव से आ सकती है।

10  आनंद और खुशी का जीवन केवल ज्ञान और विज्ञान के आधार पर ही संभव है।



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