श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत में ही रहने की सलाह दी है। बांग्लादेश की हालिया हालात पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि जहां तक शेख हसीना का सवाल है कि कई नेता देश में संकट आने पर अपना देश छोड़कर चले जाते हैं, अगर वह देश से बाहर जाते हैं तो उन्हें देश से बाहर ही रहना चाहिए। हम सभी चाहते हैं कि बांग्लादेश सामान्य स्थिति पर ध्यान केंद्रित करें और लोगों को यह निर्णय लेने पर मजबूर करे कि उन्हें देश का नेतृत्व कैसे करना चाहिए।
फर्स्ट पोस्ट को दिए अपने इंटरव्यू में विक्रमसिंघे ने कहा कि बांग्लादेश में सबसे पहले स्थिरता लाना जरूरी है, पहले लोगों को भरोसा दिलाना होगा कि वह सही जगह पर हैं। जहां तक शेख हसीना का सवाल है तो यह एक राजनीतिक मु्द्दा है इसको राजनीतिक तरीके से ही हल करने की जरूरत है। मैं अगर वहां होता तो किसी नेता को विदेश से लाने की जगह देश में स्थिरता लाने की नीति को ज्यादा प्राथमिकता देता।
दरअसल, विक्रमसिंघे से अस्थिर बांग्लादेश से भागकर भारत आई शेख हसीना के बारे में पूछा गया था, जिस पर उन्होंने यह जवाब दिया। शेख हसीना का भारत में आना बांग्लादेश में भारत विरोधी विचार की एक वजह बन गया था। बांग्लादेश की आंतरिक सरकार की तरफ से सार्वजनिक रूप से हसीना के प्रत्यर्पण के बारे में बात की है। बांग्लदेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ हुए आंदोलन ने उन्हें देश छोड़कर भागने पर मजबूर कर दिया था। फिर हुए नाटकीय घटनाक्रम में नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस आंतरिक सरकार के प्रमुख बना दिए गए।
श्रीलंका का भी था बांग्लादेश जैसा हाल, भाग गए थे राजनेता
बांग्लादेश के जो हालात है ऐसे ही हालात आज से कुछ समय पहले तक श्रीलंका के भी थे। आर्थिक रूप से परेशान श्रीलंका की जनता भी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आई थी। बांग्लादेश की ही यहां भी सत्ता पक्ष के लोग देश छोड़कर भाग गए थे। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे देश छोड़कर विदेश में शरण लेने के लिए मजबूर हो गए थे। जैसी तस्वीरें बांग्लादेश से सामने आई थीं लगभग वैसी ही राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री निवास को लूटते हुए प्रदर्शनकारियों की तस्वीरें श्रीलंका से भी सामने आई थी।
इन प्रदर्शनों के बाद रानिल विक्रमसिंघे ने राष्ट्रपति के रूप में पद को संभाला था और देश को इस इस कठिन परिस्थिति से बाहर निकाला। श्रीलंका की मदद के लिए भी भारत खुलकर सामने आया था और श्रीलंका ने भी अपने दोस्त भारत की इस मदद के लिए उसे खुलेआम शुक्रिया भी कहा था।
श्रीलंका में आने वाले कुछ समय में राजनैतिक तख्ता पलट के बाद पहली बार चुनाव होने जा रहे हैं। रानिल विक्रमसिंघे राष्ट्रपति पद के लिए प्रमुख उम्मीदवार है और आर्थिक परेशानी और प्रदर्शन के लिए अपने बेहतर प्रदर्शन के लिए उनका राष्ट्रपति बनना तय माना जा रहा है। श्रीलंका में राष्ट्रपति ही सबसे प्रभावशाली होता है।