Saturday, February 22, 2025
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सुनीता विलियम्स को धरती पर लाएगा एलन मस्क का रॉकेट, नासा ने कर ली तैयारी; संकट में फंसी है जान


Sunita Williams Updates: जून महीने में भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने अंतरिक्ष से उड़ान भरी थी। 10 दिन के भीतर दोनों को वापस धरती की तरफ आना था लेकिन, दो माह से अधिक का वक्त हो जाने के बाद भी सुनीता विलियम्स की धरती पर वापसी सुनिश्चित नहीं हो पाई है। नासा ने तमाम हथकंडे अपना दिए लेकिन, विमान की तकनीकी समस्या अभी तक दूर नहीं हो पाई है। अब इस पूरे घटनाक्रम पर नासा ने नया अपडेट जारी किया है। नासा के अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल दोनों यात्रियों की धरती में वापसी इस साल तक टल गई है। लेकिन, फरवरी 2025 तक अरबपति कारोबारी एलन मस्क के रॉकेट स्पेस एक्स की मदद से धरती पर लाया जाएगा।

नासा के अधिकारियों ने बताया कि सुनीता विलियम्स और विल्मोर को इंटरनेशनल स्पेस सेंटर से धरती पर वापस लाने के लिए स्टारलाइनर के अलावा दूसरे विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है। नासा ने लक्ष्य निर्धारित रखा है कि अंतरिक्ष यात्री फरवरी 2025 तक स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन के विकल्पों में से एक पर वापस आ सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि स्टारलाइनर से यात्रियों को अभी भी पृथ्वी पर वापस लाना असुरक्षित है।

नासा ने तैयार किया प्लान

सुनीता विलियम्स और विल्मोर जून की 6 तारीख से इंटरनेशनल स्पेस सेंटर में फंसे हैं लेकिन, विमान में हीलियम गैस लीक हो जाने के बाद तकनीकी गड़बड़ियां सामने आई और दोनों की वापसी टल गई। अब दोनों यात्रियों को वापस लाने के लिए

नासा स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन का उपयोग करने सहित कई वापसी विकल्पों पर काम कर रहा है। क्रू ड्रैगन कैप्सूल फरवरी 2025 में बुच विल्मोर, सुनीता विलियम्स और उनकी टीम को पृथ्वी पर वापस ला सकेगा। स्पेस सेंटर में फिलहाल सभी नौ अंतरिक्ष यात्री सुरक्षित हैं और उनके पास पर्याप्त भोजन और आपूर्ति है। सभी को जल्द से जल्द पृथ्वी पर लौटाना नासा की सबसे बड़ी चुनौती है।

सुनीता विलियम्स का अंतरिक्ष में तीसरा मिशन

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि विलियम्स हमारी टीम की सबसे अनुभवी यात्रियों में से एक है। वह अपने तीसरे अंतरिक्ष मिशन पर हैं। नासा की टीम फिलहाल आईएसएस में कई चीजों का अध्ययन कर रही है ताकि अंतरिक्ष में उगाए जा रहे पौधों को पानी देने और पोषण देने के दौरान गुरुत्वाकर्षण की कमी को दूर किया जा सके। यह कार्य अंतरिक्ष में बागवानी करने जैसा है।



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