Saturday, February 22, 2025
Google search engine
HomeBlogसुप्रीम कोर्ट में नया इतिहास बनेगा! क्या पहली बार होंगे 3 दलित...

सुप्रीम कोर्ट में नया इतिहास बनेगा! क्या पहली बार होंगे 3 दलित जज? कॉलेजियम ने की इस नाम की सिफारिश


हाइलाइट्स

कॉलेजियम ने कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी वराले की पदोन्नति की सिफारिश की.
अगर उनकी नियुक्ति होती है, तो जस्टिस वराले सुप्रीम कोर्ट में तीसरे दलित जज होंगे.
जस्टिस वराले औरंगाबाद में डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट.

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) की अध्यक्षता में कॉलेजियम (Collegium) ने कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी वराले (Prassana B Varale) की पदोन्नति की सिफारिश की है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट को एक और जज मिलने की संभावना है. अगर उनकी नियुक्ति की पुष्टि हो जाती है, तो जस्टिस वराले सुप्रीम कोर्ट में तीसरे दलित जज होंगे. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सीटी रविकुमार के रूप में सुप्रीम कोर्ट में पहले ही दो दलित जज हैं. जस्टिस गवई मई से नवंबर 2025 तक सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस होंगे. यह पहली बार होगा जब सुप्रीम कोर्ट में तीन दलित जज होंगे.

61 वर्षीय जस्टिस वराले महाराष्ट्र के औरंगाबाद में डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट हैं. उन्होंने दो दशकों से अधिक समय तक विशेष रूप से नागरिक, आपराधिक, श्रम और प्रशासनिक मामलों में वकालत की है. वह पहले बॉम्बे हाईकोर्ट में जज रहे हैं. उन्होंने अक्टूबर 2022 में कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. वह वर्तमान में हाईकोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज और अनुसूचित जाति से एकमात्र मुख्य न्यायाधीश हैं.

जस्टिस वराले की नियुक्ति अहम मोड़
जस्टिस वराले पिछले महीने इस्तीफा देने वाले जस्टिस एसके कौल की जगह लेंगे. उनकी नियुक्ति होने पर सुप्रीम कोर्ट 34 जजों की अपनी पूरी स्वीकृत क्षमता पर काम करेगी. इस महीने की शुरुआत में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाले कॉलेजियम ने भी सरकार को चार हाईकोर्टों में अतिरिक्त न्यायाधीशों के रूप में पांच नामों की सिफारिश की थी. इसने स्थायी नियुक्तियों के लिए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालयों से दो अन्य की भी सिफारिश की. कॉलेजियम प्रणाली के जरिये जजों की नियुक्ति अदालत और केंद्र के बीच अक्सर और प्रमुख टकराव का मुद्दा है.

ये हैं सुप्रीम कोर्ट के 5 नए जज, CJI की मौजूदगी में आज लेंगे शपथ, घटेगा काम का बोझ

सुप्रीम कोर्ट में नया इतिहास बनेगा! क्या पहली बार होंगे 3 दलित जज? कॉलेजियम ने की इस नाम की सिफारिश

कॉलेजियम की लगातार आलोचना
कॉलेजियम के इस तंत्र की विभिन्न वर्गों से आलोचना होती है, जिसमें न्यायाधीशों को चुनने में पारदर्शिता की कमी की शिकायतें भी शामिल हैं. 1 जनवरी को मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए थे. साथ ही यह भी कहा कि कॉलेजियम अपने विचार-विमर्श को कई कारणों से सार्वजनिक दायरे में नहीं रखा जा सकता है. हमारी कई चर्चाएं उन न्यायाधीशों की गोपनीयता के बारे में होती हैं, जिनकी सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति पर विचार चल रहा है.

Tags: Collegium, DY Chandrachud, Supreme Court, Supreme court of india



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments