
कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि स्ट्रॉबेरी की खेती थोड़ी मेहनत और सही तकनीक के साथ बेहद लाभदायक साबित हो सकती है. किसानों को बस यह समझने की जरूरत है कि कब, कहां और कैसे इसकी खेती करनी चाहिए. स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए सितंबर से नवंबर का समय सबसे अच्छा माना जाता है. इस दौरान मौसम ठंडा होना शुरू हो जाता है, जिससे पौधों की जड़ें तेजी से जमती हैं और उनकी बढ़त अच्छी होती है.

स्ट्रॉबेरी को रेतीली दोमट मिट्टी सबसे ज्यादा पसंद आती है. मिट्टी का pH स्तर अगर 5.7 से 6.5 के बीच हो तो पौधे तेजी से बढ़ते हैं और फल भी बेहतर होते हैं. भारत में स्ट्रॉबेरी की कई किस्में लोकप्रिय हैं. इनमें कैमारोसा, चार्ली चांडलर और विंटर डॉन सबसे ज्यादा उगाई जाती हैं. इन किस्मों की खासियत है कि ये ज्यादा उत्पादन देती हैं और बाजार में आसानी से बिक जाती हैं.

खेती शुरू करने से पहले खेत की गहरी जुताई करनी जरूरी है. इसके बाद खेत में अच्छी तरह सड़ी हुई 20 से 25 टन गोबर की खाद मिलानी चाहिए. यह मिट्टी को उपजाऊ बनाती है और पौधों को शुरुआती पोषण देती है.

जब पौधों की रोपाई करें तो ध्यान रखें कि उन्हें 30 सेंटीमीटर × 60 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाया जाए. इससे हर पौधे को फैलने और बढ़ने की जगह मिलती है. सबसे जरूरी बात यह है कि पौधे का क्राउन (मध्य भाग) मिट्टी की सतह पर ही रहना चाहिए, ताकि पौधे की बढ़त प्रभावित न हो.

नई रोपाई के बाद नियमित रूप से हल्की सिंचाई करनी होती है. पानी की नमी बनाए रखने और खरपतवार रोकने के लिए मल्चिंग करना जरूरी है. इसमें खेत को पुआल या काले प्लास्टिक से ढक दिया जाता है. इससे मिट्टी ठंडी रहती है और पौधों को पाले से भी सुरक्षा मिलती है.

स्ट्रॉबेरी के पौधों को सही पोषण देना बहुत जरूरी है. विशेषज्ञों के अनुसार प्रति एकड़ 8 से 10 किलो नाइट्रोजन, 16 से 20 किलो फॉस्फोरस और 24 से 32 किलो पोटाश देने से पैदावार बढ़ती है और फल का स्वाद भी बेहतर होता है.

अगर किसान ध्यान से खेती करें तो प्रति एकड़ 30 से 50 क्विंटल तक स्ट्रॉबेरी की उपज मिल सकती है. एक एकड़ में इसकी लागत लगभग 2 से 2.5 लाख रुपये आती है. लेकिन बाजार में अच्छी कीमत मिलने पर किसान आसानी से 4 से 5 लाख रुपये प्रति एकड़ तक का मुनाफा कमा सकते हैं.
Published at : 04 Sep 2025 08:04 AM (IST)