रवि पायक, भीलवाड़ा – रंगों का त्योहार होली आज धूमधाम से मनाई जा रही है. इस त्योहार में रंगों के बिना यह होली अधूरी मानी जाती है लेकिन कई बार होली के मौके पर लोगों में त्वचा संबंधित समस्या पैदा होने लग जाती है. इसकी वजह से उन्हें स्किन प्रॉब्लम होती है. ऐसे में होली खेलते समय कुछ जरूरी बातों का मुख्य रूप से ध्यान रखना चाहिए. जरूरी है कि आप सूखे नेचुरल गुलाल से ही होली खेले और गीले रंग-लिक्यूड कलर को इग्नोर करें. डॉक्टर्स का भी मानना है कि होली पर हर व्यक्ति को अपनी त्वचा का विशेष तौर पर ख्याल रखना चाहिए.
राजकीय महात्मा गांधी चिकित्सालय के चर्म रोग और त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉक्टर महेंद्र छापरवाल ने कहा कि होली के मौके पर इन सावधानियां को रखना काफी जरूरी है. होली पर रंग खेलते समय सूखे रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए और कोशिश करें कि ज्यादा से ज्यादा प्राकृतिक गुलाल होनी चाहिए. अक्सर देखा जाता है कि ज्यादातर त्वचा को नुकसान केमिकल और रे वाली गुलाल से होता है जिनमें टॉक्सिक केमिकल होते हैं. इसकी वजह से त्वचा को बहुत नुकसान पहुंचता है.
होली के दौरान इन चीजों से बचे –
इसके अलावा होली खेलने वाले लोग ज्यादा से ज्यादा कोशिश करें कि पानी वाले रंग और लिक्विड कलर से होली ना खेलें. ज्यादा देर तक पानी वाले कलर से होली खेलने से और ज्यादा देर तक कलर में रहने से सन एक्स्पोज़र और सन बर्न होने की वजह से त्वचा को नुकसान पहुंचता है. अक्सर देखा जाता है कि होली पर कई व्यक्ति शरारत के रूप में पानी में कलर मिला देते हैं. इसकी वजह से भी वह कलर वाला पानी नुकसानदायक होता है.
यह सावधानी रखना जरूरी –
त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉक्टर छापरवाल ने कहा कि कई बार होली खेलने के बाद अगर रिएक्शन होता है तो जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाना चाहिए और इस काम में लापरवाही नहीं करनी चाहिए कुछ लोग सोचते हैं की होली के बाद डॉक्टर को दिखाएंगे तब तक बहुत नुकसान त्वचा को पहुंच जाता है. इसलिए होली नेचुरल गुलाल से ही खेलनी चाहिए और किसी भी प्रकार का गीले रंग का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : March 25, 2024, 07:33 IST