कर्नाटक के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स में दाखिले के लिए नीट यूजी काउंसलिंग की प्रक्रिया जारी है। काउंसलिंग के दो राउंड के बाद प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में मैनेजमेंट कोटा की 400 से ज्यादा एमबीबीएस सीटें खाली रह गई हैं। मौजूदा अकादमिक वर्ष के दाखिले संपन्न होने में दो सप्ताह से भी कम का समय बचा है। माना जा रहा है कि 26 लाख से 45 लाख तक की मोटी फीस होने के चलते स्टूडेंट्स मैनेजमेंट कोटा की सीटों से मुंह फेर रहे हैं।
डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक सबसे कम एमबीबीएस फीस 26,12,700 रुपये नवोदय मेडिकल कॉलेज, रायचूर और श्रीनिवास इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च, मंगलुरु की है। जबकि सबसे अधिक फीस 45,41,500 रुपये सप्तगिरि इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, बेंगलुरु की है।
कर्नाटक एग्जामिनेशन अथॉर्टि (केईए) ने मेडिकल कोर्सेज में दाखिले के लिए मॉप-अप राउंड के शेड्यूल की घोषणा की है। सीट आवंटन के दूसरे राउंड के बाद 596 मेडिकल सीटें खाली हैं, जिनमें से 453 सीटें मैनेजमेंट कोटे की हैं और 135 प्राइवेट कोटे के तहत हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में सरकारी कोटे के तहत कम फीस वाली केवल सात सीटें बची हैं। हालांकि, कॉलेज मैनेजमेंट को सभी सीटें भरने की उम्मीद है। बेंगलुरु के एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के मैनेजमेंट रिप्रेजेंटेटिव ने कहा, “पिछले साल भी दूसरे राउंड के बाद हमारे कॉलेज में करीब 20 सीटें खाली थीं, लेकिन मॉप-अप में सभी सीटें भर गईं। इस साल भी हमें सभी सीटों पर एडमिशन मिलने का भरोसा है।”
केईए अधिकारियों ने बताया है कि कॉलेज मैनेजमेंट को साफ कहा गया है कि वे पहले राउंड के बाद मैनेजमेंट कोटे के तहत घोषित फीस में न तो वृद्धि करें और न ही कमी करें। केईए के कार्यकारी निदेशक एच प्रसन्ना ने कहा, ‘पिछले साल जब कुछ कॉलेजों ने खाली सीटों को भरने के लिए दूसरे राउंड में कम फीस पर सीटें ऑफर की थी तो पहले राउंड में पूरी फीस देकर सीटें पाने वाले छात्र डिस्काउंट के लिए केईए पहुंचे थे। इसे ध्यान में रखते हुए हमने कॉलेजों को सूचित किया कि वे केईए की वेबसाइट पर दिए गए फीस स्ट्रक्चर में बदलाव नहीं कर सकते हैं।’