हाइलाइट्स
अगर बार-बार सीने में दर्द हो, तो कार्डियोलॉजिस्ट से मिलकर जांच करानी चाहिए.
कई बार सांस फूलना और बेहोशी की कंडीशन भी हार्ट डिजीज का संकेत होता है.
Chest Pain & Heart Attack: आज के दौर में लोगों की लाइफस्टाइल काफी बिगड़ गई है और वे कम उम्र में ही हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल और मोटापे समेत कई बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. अगर आपको इनमें से किसी तरह की समस्या है, तो सावधान होने की जरूरत है. ये सभी चीजें हार्ट अटैक समेत कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का खतरा बढ़ा सकती हैं. अक्सर लोगों के सीने में दर्द होने लगता है और इसे लेकर वे लापरवाही बरतते हैं. सीने में दर्द की कई वजह हो सकती हैं, लेकिन एक वजह हार्ट से जुड़ी समस्या भी हो सकती है. अगर किसी को बार-बार सीने में दर्द हो, तो इसकी जांच करानी चाहिए.
पटना के हार्ट हॉस्पिटल के कंसल्टेंट कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. विनीत ठाकुर ने न्यूज़18 को बताया कि अक्सर लोग यह मान लेते हैं कि गैस की वजह से उनके सीने में दर्द की समस्या है. जबकि कभी-कभी यह घातक साबित हो सकता है. अगर बार-बार सीने में दर्द की समस्या हो रही है, तो उसे गैस का कारण मानकर कभी भी खुद से दवा न लें. अगर अस्पताल नहीं जा सकते, तो कम-से-कम अपने फैमिली डॉक्टर से सलाह लेकर ही दवा लें. आज के समय में एक नया ट्रेंड बनता जा रहा है कि 40-50 वर्ष की आयु में भी लोगों को हार्ट अटैक आ रहा है. सावधानी बरतकर इस जानलेवा कंडीशन से बच सकते हैं.
डॉ. विनीत कहते हैं कि 30 वर्ष से कम की आयु में सीने में दर्द होना आमतौर पर चिंता वाली बात नहीं होती है. शुरुआत में डॉक्टर से दिखाकर इसकी दवा ले सकते हैं. इसके बाद भी अगर आराम न मिले तो फिर हृदय रोग विशेषज्ञ से मिलकर हार्ट से संबंधित जरूरी टेस्ट करवा लें. आमतौर पर ऐसी कंडीशन में ईसीजी, ट्रोपोनिन टेस्ट कराया जाता है. अगर इस टेस्ट की रिपोर्ट ठीक है, तो फिर कोई चिंता वाली बात ही नहीं है. अगर गड़बड़ रिपोर्ट है, तो फिर डॉक्टर से सलाह लेकर सिटी एंजियोग्राम करा लें. इससे दस मिनट में ही आपको रिज़ल्ट पता चल जाएगा. इसके बाद डॉक्टर जैसा कहें, वैसा करना चाहिए.
एक्सपर्ट की मानें तो 30-40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को सीने में बार-बार होने वाले दर्द को लेकर अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए और तुरंत डॉक्टर से मिलकर जांच करानी चाहिए. डॉक्टर की मानें तो बुजुर्ग, डायबिटिक और महिलाओं में हार्ट डिजीज के लक्षण अलग नजर आ सकते हैं. चक्कर आना, सांस फूलना, बेहोश हो जाना भी गंभीर बीमारी के संकेत हो सकते हैं. अक्सर यह देखा जाता है कि बुजुर्ग, महिलाओं या डायबिटिक मरीजों को छाती में दर्द नहीं होता है, लेकिन जब वे चलते हैं तो उनकी सांस फूलने लगती है. यह भी हार्ट डिजीज का संकेत हो सकता है. ऐसी स्थिति में डॉक्टर से तुरंत सलाह लें.
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Tags: Health, Heart attack, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : March 18, 2024, 12:30 IST