Thursday, June 26, 2025
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Air Pollution: एयर पॉल्यूशन से डरने का नहीं.. बस एक्सपर्ट डॉक्टर की मानें ये सलाह, जानें क्‍या करना है और क्‍या नहीं


हाइलाइट्स

दिल्ली में मंगलवार सुबह 10 बजे AQI 349 दर्ज किया गया.
1 नवंबर से 15 नवंबर तक राजधानी में प्रदूषण शीर्ष पर पहुंच जाता है.
वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग करना चाहिए.

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में लगातार चौथे दिन प्रदूषण से काफी बुरा हाल है. दिल्ली-NCR में हवा अत्यधिक बिगड़ने से यहां अब लोगों सांसे फूलने लगी है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) सुबह 10 बजे 349 दर्ज किया गया. आइए इस खबर में हम जानते हैं कि क्या होता है प्रदूषण के प्रभाव, इससे कैसे बचाव करें, आदि के बारे में.

क्यों बढ़ता है वायु प्रदूषण?
वायु प्रदूषण के बारे में तभी बातचीत होती है, जब देश की राजधानी में इसका असर दिखने लगता है. विभिन्न रसायनों, सूक्ष्म पदार्थों या जैविक पदार्थों का हवा में शामिल होना ही वायु प्रदूषण है. यह ना केवल इंसानों को बल्कि जानवरों के साथ-साथ पेड़-पौधों को भी प्रभावित करता है. बता दें कि दिल्ली में नवंबर तक प्रदूषण का स्तर हर साल बढ़ जाता है.

पढ़ें- Delhi Air Pollution: दिवाली से पहले दिल्ली में फूटा प्रदूषण ‘बम’! जहरीली हुई हवा, लोगों को मास्क पहनने की सलाह

दिल्ली में प्रतिकूल मौसम संबंधी स्थितियां और प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों के अलावा, पटाखों और आसपास के राज्यों में पराली जलाने से होने वाले उत्सर्जन के कारण दिल्ली-NCR की वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच जाती है. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी ने एक विश्लेषण में पाया कि 1 नवंबर से 15 नवंबर तक राजधानी में प्रदूषण शीर्ष पर पहुंच जाता है, जब पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ जाती.

क्या होता है प्रभाव?
वायु प्रदूषण के प्रभाव और उपाय को लेकर इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल नई दिल्ली के सिनियर कंसल्टेंट और सांस रोग विशेषज्ञ डॉ निखिल मोदी ने न्यूज18 से बातचीत की. इसके प्रभाव के बारे में उन्होंने कहा कि प्रदूषण के कारण सर्दी, जुकाम, बलगम आना और सांस लेने में तकलीफ हो सकता है. गंभीर बात यह है कि प्रदूषण से सांस से जुड़ी बीमारी हो सकती है. खासकर बच्चों की बात करें तो उन्हें ज्यादा परेशानी हो सकती है. फेफड़े और दिल से संबंधी बीमारी भी होने का जोखिम बढ़ जाता है, अस्थमा भी होने का खतरा बढ़ जाता है.

कैसे करें बचाव?
डॉ निखिल मोदी ने आगे कहा कि देश में प्रदूषण में तभी बात होती हैं, जब दिल्ली-NCR में पॉल्यूशन बढ़ता है. लेकिन नॉर्थ इंडिया में गर्मी के दिनों में भी प्रदूषण निरंतर बना रहता है. इसके बचाव के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने हमें मास्क पहनना सिखा दिया है. तो प्रदूषण से बचने का उपाय यह है कि हम घर से बाहर मास्क पहन कर निकलें.

प्रदूषण के दौरान अपने आप को स्वस्थ रखने के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि लोगों को अपनी डाइट पर ध्यान देना चाहिए. खाने में हरी सब्जियां, फल, एंटीऑक्सीडेंट भोजन और प्रोटीन को शामिल करना चाहिए. डॉ निखिल मोदी ने आगे कहा कि हमें डेली एक्सरसाइज, योग, अलोम-विलोम, जॉगिंग, रनिंग आदि करना चाहिए. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि प्रदूषण के दौरान सुबह की जगह धूप जब हो उस समय एक्सरसाइज या योग करना चाहिए.

यह भी पढ़ें- सब कागजों में है, जमीन पर कुछ नहीं… दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण पर बिफरा सुप्रीम कोर्ट, 5 राज्यों को नोटिस

कैसे कंट्रोल हो सकता है प्रदूषण
डॉ निखिल मोदी ने आगे कहा कि हमें सिर्फ बढ़ते प्रदूषण के समय ही नहीं इसके बारे में सोचना चाहिए. हम सबको थोड़ा-थोड़ा प्रदूषण को कम करने के लिए कार्य करना चाहिए. वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग करना चाहिए. पेड़ लगाने से हमें पर्याप्त ताजी हवा प्राप्त करने में मदद मिलती है. इसलिए हमें आपने आसपास पेड़ लगाना चाहिए.

Air Pollution: एयर पॉल्यूशन से डरने का नहीं.. बस एक्सपर्ट डॉक्टर की मानें ये सलाह, जानें क्‍या करना है और क्‍या नहीं

बता दें कि वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम 1981 में अधिनियमित किया गया था और भारत में वायु प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण और कमी प्रदान करने के लिए 1987 में संशोधित किया गया था.

Tags: Air pollution, AQI, Delhi AQI, Delhi pollution



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