Higher suicide risk in women with PCOS: पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) महिलाओं में होने वाली एक असमान्य बीमारी है जो प्रजनन उम्र की महिलाओं में होती है. इस बीमारी में एंड्रोजेन हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है. इसलिए ओवरी में सिस्ट बनने लगता है. यह काफी पेनफुल भी हो सकता है. इसमें पीरियड्स अनियमित होने लगते हैं. चूंकि इसमें महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है इसलिए मानसिक स्थिति पर भी असर पड़ती है. अब एक नई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि जिन महिलाओं को पीसीओएस की समस्या है, उन महिलाओं में आत्महत्या की प्रवृति ज्यादा होती है. पश्चिमी देशों में पीसीओएस की समस्या ज्यादा है. अकेले ब्रिटेन में हर 10 में से एक महिला को पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम है.
टीनएजर्स लड़कियों में भी परेशानी
पीसीओएस में ओवरी के काम करने की क्षमता प्रभावित होती है. इसमें अनियमित पीरियड्स के साथ, चेहरे पर बाल, प्रेग्नेंसी में दिक्कत, कील-मुहांसे, मोटापा जैसी समस्याएं सामने आती है. ताइपेई वेटर्न जेनरल अस्पताल, ताइवान के शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन करते हुए बताया है कि पीसीओएस महिलाओं को मानसिक पीड़ा से गुजारने पर मजबूर करता है जिसके कारण उनमें आत्महत्या करने का मन करता है. अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने 8960 महिलाओं और लड़कियों पर ट्रायल किया. इन लोगों का पीसीओएस का इलाज चल रहा है. अध्ययन में शामिल महिलाओं में पहले से आत्महत्या के कोई मामले नहीं थे. शोधकर्ताओं ने इन सभी लोगों के हेल्थ डाटा का विश्लेषण किया.
बॉडी इमेज की ज्यादा चिंता
कुछ साल तक अध्ययन करने के बाद पाया गया कि जो महिलाएं पीसीओएस से पीड़ित थीं उनमें आत्महत्या की प्रवृति सामान्य महिलाओं की तुलना में 8.47 प्रतिशत ज्यादा थी. इस अध्ययन में यह भी पाया गया कि 40 साल की उम्र से कम की महिलाओं में आत्महत्या की प्रवृति 9 गुणा ज्यादा थी. वहीं पीसीओएस से पीड़ित किशोर उम्र की लड़कियों में आत्महत्या की प्रवृति 5.38 गुना ज्यादा थी. वहीं ज्यादा उम्र की महिलाओं में यह प्रवृति 3.75 गुना ज्यादा थी. शोधकर्ताओं ने बताया कि पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में आत्महत्या की प्रवृति का सबसे बड़ा कारण यह था कि उन्हें लगता है कि इस बीमारी के कारण उनका चेहरा खराब हो रहा है और इससे इंफर्टिलिटी हो सकती है. इस अध्ययन के लेखक ने बताया कि महिलाओं को अपने बॉडी इमेज की बहुत चिंता होती है. उन्हें कील-मुंहासे परेशान करते हैं, खासकर किशोर उम्र की लड़कियों में. इसके अलावा यंग महिलाओं में कैरियर को लेकर भी काफी चिंता रहती है. उन्हें लगता है कि इन वजहों के कारण वे बेरोजगारी हो सकती हैं और इससे रिलेशनशिप में भी परेशानी आ सकती है.
पहले भी रिसर्च
डॉ. सोफी विलियम कहती हैं कि कई ऐसी रिसर्च हो चुकी हैं जिनमें इसी तरह की बातें सामने आई हैं. पीसीओएस के कारण एंग्जाइटी और डिप्रेशन भी बड़ी समस्या है. रिसर्च में भी यह बात सामने आती रहती है. इसलिए समाज और सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की कोशिश करनी चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : February 22, 2024, 08:56 IST