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राज्य के विश्वविद्यालयों में कार्यरत अतिथि शिक्षक और अंशकालिक शिक्षकों को सरकार मानदेय नहीं देगी। विश्वविद्यालयों को वहां कार्यरत अतिथि शिक्षकों और अंशकालिक शिक्षकों को मानदेय का बकाया भुगतान करना होगा। शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों को उनके पास उपलब्ध आंतरिक स्रोत की राशि से अतिथि शिक्षकों को बकाये मानदेय राशि का भुगतान करने को कहा है। इस संबंध में उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. रेखा कुमारी ने राज्य के सभी परंपरागत विश्वविद्यालयों के कुलसचिव को पत्र भेजा है। अतिथि शिक्षकों को मानदेय भुगतान के लिए शिक्षा विभाग विश्वविद्यालयों को अलग से राशि उपलब्ध कराती थी। शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों को उनके पास उपलब्ध राशि का भी पत्र में जिक्र किया है। शिक्षा विभाग के मुताबिक राज्य के 13 पारंपरिक विश्वविद्यालयों में 16 अरब 76 करोड़ से अधिक की राशि उपलब्ध है। इनमें विश्वविद्यालायों के शिक्षकों और कर्मियों के वेतन और पेंशन की राशि भी शामिल है। विश्वविद्यालयों को इसी राशि से अतिथि शिक्षकों को भुगतान करने का निर्देश दिया गया है।
उच्च शिक्षा निदेशक ने पत्र में कहा है कि विश्वविद्यालय अपने आंतरिक स्रोत की राशि से अतिथि शिक्षकों और अंशकालिक शिक्षकों का मानदेय भुगतान कर तत्काल सूचना उपलब्ध कराएं। यह भी कहा है कि आंतरिक स्रोत की राशि के बाद भी इनका भुगतान पूरा नहीं होता है तो विभाग को इसकी जानकारी दें। गौर हो कि हाल ही में शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों के साथ बैठक में मौखिक रूप से भी कहा था कि आपके पास पर्याप्त राशि की उपलब्धता दिख रही है। इसलिए अतिथि शिक्षकों के मानदेय का भुगतान विश्वविद्यालय आंतरिक स्रोत की राशि से ही कर दें।
शिक्षा विभाग ने पत्र के साथ ही विश्वविद्यालयों के विभिन्न खातों में उपलब्ध कुल राशि की विवरणी भी भेजी है। इसमें सीए और पीपीटी के आधार पर उपलब्ध राशि की जानकारी दी गई है। इसमें वेतन, पेंशन मद की राशि शामिल है। विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और कर्मियों को सैलरी और पेंशन मद में 4 अरब 85 करोड़ की राशि है। सबसे अधिक 2 अरब 70 करोड़ की राशि एलएनएमयू के पास है।
13 विश्वविद्यालय के खातें में उपलब्ध राशि :
बीएन मंडल विश्वविद्यालय : 2 अरब 28 करोड़,66 लाख 61 हजार 97
मगध विश्वविद्यालय: 3 अरब 45 करोड़ 28 लाख 81 हजार 197
पटना विश्वविद्यालय – 1 अरब 81 करोड़ 32 लाख 47 हजार 461
बीआरएबीयू : 1 अरब 47 करोड़ 57 लाख 26 हजार
वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय : 1 अरब 60 करोड़ 58 लाख 50 हजार 705
एलएनएमयू: 2 अरब 70 करोड़ 96 हजार 22 हजार
जेपी विश्वविद्यालय: 67 करोड़ 99 लाख 16 हजार
केएसडीएस: 6 करोड़ 97 लाख 6 हजार 298
टीएमबीयू: 96 करोड़ 70 लाख 1 हजार 572
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय:1 अरब 48 करोड़ 51 लाख 65 हजार 89
पूर्णिया विश्वविद्यालय:44 करोड़ 98 लाख पांच हजार
मुंगेर विश्वविद्यालय: 24 करोड़ 73 लाख 61 हजार
मौलाना मजहरुल हक विश्वविद्यालय पटना: 40 करोड़ 22 लाख 28 हजार 260
कुल : 16 अरब 76 करोड़ 95 लाख 49 हजार 783 रुपये