सौरभ वर्मा/रायबरेली: आयुर्वेद में कई प्रकार की औषधियों के बारे में बताया गया है. यह औषधि हमारे आसपास ही पाई जाती हैं. इन्हीं औषधीय पौधों में से एक है सप्तपर्णी का पौधा, जो हमें कई बीमारियों से बचाने में कारगर होता है. क्योंकि इसमें कई ऐसे एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं.
रायबरेली के राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय शिवगढ़ की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर स्मिता श्रीवास्तव (बीएएमएस आयुर्वेद) के मुताबिक इस पौधे की पत्तियों में बेहद तेज व खास सुगंध आती है. यह औषधीय पौधा हमें बहुत ही कम देखने को मिलता है. यही एक ऐसा पौधा है, जिसका उपयोग आयुर्वेदिक, सिद्ध और यूनानी चिकित्सा तीनों में कई तरह की गंभीर बीमारियों के इलाज में उपयोग में लाया जाता है.इस पौधे में आपको सात पत्तियों का गुच्छा देखने को मिलेगा. इसी वजह इसका नाम सप्तपर्णी पड़ा. वहीं दिसंबर से मार्च के दौरान इसमें छोटे-छोटे हरे और सफेद रंग के फूल देखने को मिलते हैं, जो हमारे लिए बेहद फायदेमंद होते हैं.
इन बीमारियों के लिए है औषधि
यह एक सदाबहार वृक्ष है. सप्तपर्णी शरीर को शीतलता प्रदान करने में सहायक होता है. आमतौर पर लोग इसका उपयोग पुराने दस्त ,पेट, दर्द, सांप काटने के उपचार दांतों के दर्द और पेचिश, पीलिया, फीवर,एलर्जी,मलेरिया , हार्ट की बीमारी सहित कई अन्य बीमारियों में एक औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है. साथ ही यह नपुंसकता को भी दूर करने में काफी कारगर होता है.
ऐसे करें सेवन
डॉक्टर स्मिता श्रीवास्तव बताती हैं कि सप्तपर्णी पौधे के बीज, पत्तियां ,फूल व छाल हमारे लिए बेहद फायदेमंद है. इसकी छाल का काढ़ा बनाकर पीने से मलेरिया के बुखार से राहत मिलती है. चर्म रोग होने पर इसकी छाल को लगाने से वह आसानी से सही हो जाता है. इसके दूध को तेल में मिलाकर मालिश करने से शरीर के सूजन और दर्द दोनों में आराम मिलता है. इसका काढ़ा पीने से शारीरिक दुर्बलता भी दूर होती है.
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FIRST PUBLISHED : February 25, 2024, 09:18 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.