Saturday, June 28, 2025
Google search engine
Homeहेल्थमोटापा ही मोटापा...दुनिया में अभी कितने हैं 'मोटे'? आ गया लेटेस्ट डेटा,...

मोटापा ही मोटापा…दुनिया में अभी कितने हैं ‘मोटे’? आ गया लेटेस्ट डेटा, आंकड़ों पर यकीन न होगा


Research On Obesity: दुनियाभर में मोटापे से ग्रस्त एडल्ट्स और बच्चों की कुल संख्या एक अरब से अधिक हो गई है. यह जानकारी ‘द लांसेट’ नाम की पत्रिका में प्रकाशित एक शोध में दी गई है. शोधकर्ताओं ने बताया 1990 के बाद से सामान्य से कम वजन वाले लोगों की संख्या कम हो रही है और मोटापा अधिकतर देशों में सबसे आम बन गया है. मोटापा और कम वजन दोनों ही कुपोषण के रूप हैं और कई मायनों में लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं.

NCD रिस्क फैक्टर कोलैबरेशन और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के वैश्विक डेटा के विश्लेषण के अनुसार, दुनियाभर के बच्चों और किशोरों में 2022 में मोटापे की दर 1990 की दर से चौगुनी रही. अध्ययन में कहा गया है कि एडल्ट्स में, मोटापे की दर महिलाओं में दोगुनी से अधिक और पुरुषों में लगभग तिगुनी हो गई. अध्ययन के अनुसार, 2022 में 15 करोड़ 90 लाख बच्चे एवं किशोर और 87 करोड़ 90 लाख एडल्ट्स मोटापे की समस्या से जूझ रहे हैं.

अध्ययन के अनुसार 1990 से 2022 तक विश्व में सामान्य से कम वजन वाले बच्चों और किशोरों की संख्या में कमी आई है. दुनियाभर में समान अवधि में सामान्य से कम वजन से जूझ रहे एडल्ट्स का अनुपात आधे से भी कम हो गया है.

ब्रिटेन के ‘इंपीरियल कॉलेज लंदन’ के प्रोफेसर माजिद इज्जती ने कहा, ‘‘यह बहुत चिंताजनक है कि मोटापे की महामारी जो 1990 में दुनिया के अधिकतर हिस्सों में एडल्ट्स में साफ नजर आती थी, अब स्कूल जाने वाले बच्चों और किशोरों में भी दिखाई देती है.’’ इज्जती ने कहा, ‘‘इसके अलावा, खासकर दुनिया के कुछ सबसे गरीब हिस्सों में करोड़ों लोग अब भी कुपोषण से पीड़ित हैं. कुपोषण के दोनों रूपों से सफलतापूर्वक निपटने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम स्वस्थ एवं पौष्टिक खाद्य पदार्थों की उपलब्धता बढ़ाएं और इसे किफायती बनाएं.’’

शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन के लिए 190 से अधिक देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले पांच वर्ष या उससे अधिक उम्र के 22 करोड़ से अधिक लोगों के वजन और लंबाई का विश्लेषण किया. इस अध्ययन में 1,500 से अधिक शोधकर्ताओं ने योगदान दिया. उन्होंने यह समझने के लिए शरीर द्रव्यमान सूचकांक(बीएमआई) का विश्लेषण किया कि 1990 से 2022 के बीच दुनिया भर में मोटापे और सामान्य से कम वजन की समस्या में क्या बदलाव आया है.

मोटापा ही मोटापा...दुनिया में अभी कितने हैं 'मोटे'? आ गया लेटेस्ट डेटा, आंकड़ों पर यकीन न होगा

अध्ययन में पाया गया कि 1990 से 2022 के बीच वैश्विक स्तर पर मोटापे की दर लड़कियों और लड़कों में चार गुना से अधिक हो गई है और यह चलन लगभग सभी देशों में देखा गया है. शोधकर्ताओं ने बताया कि सामान्य से कम वजन वाली लड़कियों का अनुपात 1990 में 10.3 प्रतिशत से गिरकर 2022 में 8.2 प्रतिशत हो गया और लड़कों का अनुपात 16.7 प्रतिशत से गिरकर 10.8 प्रतिशत हो गया है. उन्होंने कहा कि लड़कियों में सामान्य से कम वजन की दर में कमी 44 देशों में देखी गई, जबकि लड़कों में यह गिरावट 80 देशों में देखी गई. (भाषा से इनपुट के साथ)

Tags: Health, Lifestyle, Obesity, WHO



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments