नई दिल्ली: नागपुर के आउटर रिंग रोड करप्शन मामले में सीबीआई ने बड़ा एक्शन लिया है. सीबीआई यानी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने महाराष्ट्र के नागपुर में 20 लाख रुपये के कथित रिश्वतखोरी मामले में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के दो सीनियर अधिकारियों महाप्रबंधक (जीएम) अरविंद काले, उप महाप्रबंधक (डीजीएम) बृजेश कुमार साहू और चार अन्य को गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
अधिकारियों ने बताया कि नागपुर में एनएचएआई के परियोजना निदेशक काले और मध्य प्रदेश के हरदा में परियोजना निदेशक साहू को सीबीआई ने भोपाल स्थित ‘बंसल कंस्ट्रक्शन वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड’ के निदेशकों – अनिल बंसल और कुणाल बंसल और कंपनी के कर्मचारी छतर सिंह लोधी और सी कृष्णा को गिरफ्तार किया गया. संघीय एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया, ‘सीबीआई ने रविवार को भोपाल और नागपुर में आवासीय और आधिकारिक परिसरों सहित पांच स्थानों की तलाशी ली और 20 लाख रुपये की रिश्वत राशि सहित 1.1 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की.’
सीबीआई ने हाल में दर्ज प्राथमिकी में एनएचएआई के चार अधिकारियों, कंपनी और उसके निदेशकों और कर्मचारियों सहित 11 लोगों को नामजद किया था. सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, ‘यह आरोप है कि भोपाल की एक निजी कंपनी के निदेशक अपने कर्मचारियों के माध्यम से एनएचएआई के विभिन्न लोक सेवकों को उसको मिले ठेके के तहत विभिन्न सड़क परियोजनाओं में पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने, बिल का भुगतान कराने, दिए गए कार्यों की सुचारू प्रगति आदि के बदले में रिश्वत दे रहे थे.’

एजेंसी को खुफिया जानकारी मिली थी कि कंपनी के कर्मचारी नागपुर और मध्य प्रदेश में अधिकारियों को रिश्वत पहुंचाते हैं. अधिकारियों के मुताबिक एजेंसी ने आरोप लगाया कि कृष्णा आउटर रिंग रोड परियोजना के लिए रिश्वत के बदले लंबित बिल की मंजूरी दिलाने और पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने सहित लंबित मामलों को निपटाने के लिए काले के साथ नियमित संपर्क में था. प्रवक्ता ने बताया कि जांच के दौरान सीबीआई को पता चला कि काले को 25 लाख रुपये की रकम पहुंचाई जानी थी. उन्होंने बताया, ‘सीबीआई ने जाल बिछाया और उक्त निजी कंपनी के एक कर्मचारी द्वारा एनएचएआई के आरोपी अधिकारी (काले) को 20 लाख रुपये की रिश्वत देने के बाद उन्हें पकड़ लिया गया.’
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FIRST PUBLISHED : March 4, 2024, 07:56 IST