Sunday, June 29, 2025
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ukraine russia war updates Sweden joins NATO in shadow of Ukraine war – International news in Hindi


यूक्रेन के साथ चल रही भीषण लड़ाई में रूस को तगड़ा झटका लगा है। रूस से मुकाबले में उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन NATO (नाटो) गुरुवार को तब और मजबूत हो गया, जब स्वीडन की संगठन में एंट्री हो गई। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन नाटो के खिलाफ शुरू से आक्रामक रहे हैं। यूक्रेन पर 2022 में रूस के हमले के बाद से नाटो खुद को मजबूत करने में जुटा है और लगातार नए सदस्य जोड़ रहा है।

स्वीडन पिछले दो साल से नाटो से जुड़ने की कोशिश कर रहा है। खासकर, रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद स्वीडन ने नाटो से जुड़ने की कोशिश और तेज कर दी थी। मामले के जानकार बताते हैं कि उसे यूक्रेन की तरह अपनी संप्रभुता पर खतरे का अंदेशा था।

नाटो यानी उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन का गठन 1949 में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और फ्रांस सहित 12 देशों ने किया था। इसका उद्देश्य सोवियत संघ – साम्यवादी राज्यों का एक समूह जिसमें रूस भी शामिल था, के विस्तार को रोकना था। गुरुवार को स्वीडन के जुड़ने के बाद नाटो में अब 32 देश शामिल हो गए हैं। इससे पहले 2023 में फिनलैंड नाटो का 31वां सदस्य बना था। 

नाटो का मकसद क्या है

नाटो से जुड़ने वाले सदस्य देश इस बात पर सहमत हैं कि यदि उनमें से किसी एक पर हमला किया जाता है, तो दूसरों को उसकी रक्षा में मदद करनी चाहिए। यहां यह गौर करने वाली बात है कि नाटो के पास अपनी कोई सेना नहीं है, लेकिन सदस्य देश संकट के जवाब में सामूहिक सैन्य कार्रवाई कर सकते हैं। वे संयुक्त सैन्य अभ्यास भी करते हैं। फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद नाटो ऐक्टिव हुआ है। वह रूस को “अपने सहयोगियों की सुरक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण और सीधा खतरा” मानता है।

स्वीडन के आने से नाटो कितना मजबूत हुआ

17 मई 2022 से स्वीडन ने नाटो से जुड़ने की इच्छा जताई है। प्रधान मंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन के नेतृत्व में स्वीडिश अधिकारी गुरुवार को वाशिंगटन में एकत्र हुए थे। जहां उन्हें आज शाम को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के स्टेट ऑफ द यूनियन संबोधन को देखने के लिए आमंत्रित किया गया था।

एक प्रेस विज्ञप्ति में, व्हाइट हाउस ने कहा, “स्वीडन अत्यधिक सैन्य क्षमता वाला मजबूत लोकतांत्रिक देश है जो दुनिया के लिए हमारे मूल्यों और दृष्टिकोण को साझा करता है। नाटो सहयोगी के रूप में स्वीडन के होने से संयुक्त राज्य अमेरिका और हमारे सहयोगी और मजबूत हुए हैं।” स्वीडन के औपचारिक रूप से विलय के लिए सोमवार को ब्रुसेल्स में गठबंधन मुख्यालय में समारोह निर्धारित किया गया है।

रूस के लिए कितना बड़ा झटका

स्वीडन से पहले 2023 में उसका पड़ोसी देश फिनलैंड नाटो में शामिल हुआ था। पहले फिनलैंड और अब स्वीडन के नाटो से जुड़ने के बाद लगभग पूरे बाल्टिक सागर पर नाटो का नियंत्रित है, जो रूस के लिए एक रणनीतिक झटका है। स्वीडन के पास एक सुसज्जित सेना और एक मजबूत हथियार उद्योग भी है।

नाटो में कौन-कौन से देश हैं

ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन और तुर्की सहित पूरे यूरोप और उत्तरी अमेरिका में नाटो के 31 सदस्य हैं। अब स्वीडन ने 32 देश के रूप में नाटो की सदस्यता ले ली है। 1991 में सोवियत संघ के पतन के बाद, कई पूर्वी यूरोपीय देश नाटो से जुड़े हैं, जिसमें अल्बानिया, बुल्गारिया, हंगरी, पोलैंड, चेक गणराज्य, स्लोवाकिया, रोमानिया, लिथुआनिया, लातविया और एस्टोनिया देश शामिल हैं।



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