Monday, June 30, 2025
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Lokpal : सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज खानविलकर बने देश के दूसरे लोकपाल, जानें उनके चर्चित फैसले


नई दिल्ली. देश के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अजय माणिकराव खानविलकर को लोकपाल के अध्यक्ष पद की शपथ दिलाई है. न्यायमूर्ति खानविलकर को इसी साल फरवरी के अंतिम सप्ताह में लोकपाल के अध्यक्ष के रुप में चयन किया गया था. रविवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने खानविलकर को लोकपाल के अध्यक्ष पद की शपथ दिलाई. आपको बता दें कि लोकपाल का पद बीते दो सालों से खाली चल रहा था. पिछले साल के सितंबर महीने से देश की भ्रष्टाचार रोधी संस्था के प्रमुख पद के लिए कई नाम चल रहे थे, लेकिन आखिर में खानविलकर के नाम पर सहमति बनी.

आपको बता दें कि 27 मई 2022 को पिनाकी चंद्र घोष का कार्यकाल पूरा होने के बाद लोकपाल का पद खाली चल रहा था. देश में साल 2022 से ही बिना लोकपाल का ही काम चल रहा था. आपको बता दें कि भारत के विधि आयोग के अध्यक्ष और कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ऋतु राज अवस्थी, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी औ इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजय यादव को पिछले महीने ही लोकपाल में न्यायिक सदस्य नियुक्त किया गया था.

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27 मई 2022 को पिनाकी चंद्र घोष का कार्यकाल पूरा होने के बाद लोकपाल का पद खाली चल रहा था.

लोकपाल बने खानविलकर
आपको बता दें कि न्यायमूर्ति (रिटायर्ड) खानविलकर ने 13 मई 2016 से 29 जुलाई 2022 तक देश की शीर्ष अदालत में जज के रूप में काम कर चुके हैं. उन्होंने अपने सेवाकाल के दौरान कई अहम फैसले सुनाए हैं, जिसमें नागरिकों के खिलाफ विशेष कानूनों जैसे धनशोधन निवारण अधिनियम, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम और विदेशी योगदान (विनियमन) संशोधन अधिनियम में व्यापक शक्तियों को वैध करार दिया गया था. न्यायमूर्ति खानविलकर ने अपने एक अहम फैसले में साल 2018 में भारतीय दंड संहिता की धारा 377 को सहमति से समलैंगिक यौन संबंध को अपराध करार दिया था.

लोकपाल तथा लोकायुक्त अधिनियम, 2013 ने संघ (केंद्र) के लिए लोकपाल और राज्यों के लिए लोकायुक्त संस्था की व्यवस्था की है. ये संस्थाएं बिना किसी संवैधानिक दर्जे वाले वैधानिक निकाय हैं. ये Ombudsman का कार्य करते हैं और कुछ निश्चित श्रेणी के सरकारी अधिकारियों के विरुद्ध लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करते हैं. lokpal news , Who is AM Khanwilkar , a m  khanwilkar judgment , am khanwilkar home town , Who is Lokpal Chairperson , Ex Supreme Court Judge  ajay manikrao khanwilkar , Justice AM Khanwilkar verdicts , what is Lokpal work in india , Who is AM Khanwilkar the new chairman of Lokpal , Abhay Manikrao Khanwilkar news , anti corruption ombudsman , modi government

लोकपाल का अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश या पूर्व न्यायाधीश होता है. (Image:AFP)कितने सदस्य होते हैं लोकपाल में
लोकपाल में एक चेयरपर्सन के साथ-साथ अधिकतम 8 सदस्य रह सकते हैं. लोकपाल का अध्यक्ष भारत का पूर्व मुख्य न्यायाधीश या सर्वोच्च न्यायालय का पूर्व न्यायाधीश या असंदिग्ध सत्यनिष्ठा व प्रकांड योग्यता का प्रख्यात व्यक्ति होना चाहिए. लोकपाल पद पर बैठने वाले व्यक्ति को भ्रष्टाचार निरोधी नीति, सार्वजनिक प्रशासन, सतर्कता, वित्त, बीमा और बैंकिंग, कानून व प्रबंधन में न्यूनतम 25 वर्षों का विशिष्ट ज्ञान एवं अनुभव होना चाहिए.

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प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने साल 2019 में भी मार्च के मध्य में सरकार का कार्यकाल समाप्त होने से कुछ ही दिन पहले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश पिनाकी चंद्र घोष का चयन पहले लोकपाल के लिए किया था. अब साल 2024 में भी मार्च महीने में ही खानविलकर की नियुक्ति हुई है. लोकपाल में अध्यक्ष के अलावा चार न्यायिक और चार गैर-न्यायिक सदस्य होते हैं.

Tags: Judges, Lokpal, Modi government, Supreme court of india



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