Sunday, June 29, 2025
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आपके शरीर में कितना होना चाहिए कोलेस्ट्रॉल? सही समय पर कराएं टेस्ट, वरना दिल को लगेगा जोर का झटका !


हाइलाइट्स

कोलेस्ट्रॉल लेवल का पता लगाने के लिए लिपिड प्रोफाइल टेस्ट किया जाता है.
समय-समय पर सभी लोगों को अपने ब्लड कोलेस्ट्रॉल की जांच करानी चाहिए.

Cholesterol Normal Level: बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल, अनहेल्दी खान-पान और फिजिकल एक्टिविटी की कमी के कारण हाई कोलेस्ट्रॉल के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कोलेस्ट्रॉल एक गंभीर समस्या है, जो हार्ट अटैक समेत कई जानलेवा कंडीशन की वजह बन सकता है. इसलिए इसे लेकर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर शरीर में किसी तरह के लक्षण नजर नहीं आते हैं और इसका पता ब्लड टेस्ट के जरिए लगाया जा सकता है. कोलेस्ट्रॉल चेक करने वाले टेस्ट को लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कहा जाता है. इससे आपके शरीर में गुड, बैड और टोटल कोलेस्ट्रॉल का स्तर पता लगाया जाता है.

नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल की सीनियर फिजीशियन डॉ. सोनिया रावत के मुताबिक गुड कोलेस्ट्रॉल को हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL) और बैड कोलेस्ट्रॉल को लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL) कहा जाता है. गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ना अच्छा माना जाता है, जबकि बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ना नुकसानदायक होता है. डॉक्टर की मानें तो जब खून में एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल 100 mg/dL से कम हो, तब यह नॉर्मल माना जाता है. जब LDL कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 130 mg/dL या ज्यादा हो जाए, तब यह बॉर्डर लाइन होती है. अगर कोलेस्ट्रॉल 160 mg/dL से ज्यादा हो, तो हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या पैदा हो जाती है.

एचडीएल यानी गुड कोलेस्ट्रॉल की बात करें, तो इसकी मात्रा 60 mg/dL या इससे अधिक हो, तब इसे नॉर्मल माना जाता है. 40 mg/dL या इससे कम मात्रा हो जाए, तो खतरे का संकेत होता है. हार्ट हेल्थ को बेहतर बनाए रखने के लिए गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को नॉर्मल बनाए रखना जरूरी होता है. हमारे शरीर में टोटल कोलेस्ट्रॉल 200 mg/dL या इससे कम हो, तब इसे नॉर्मल माना जाता है. अगर टोटल कोलेस्ट्रॉल 240 mg/dL तक हो, तो बॉर्डर लाइन होती है. अगर टोटल कोलेस्ट्रॉल 240 से ज्यादा हो जाए, तो हाई कोलेस्ट्रॉल की परेशानी मानते हैं.

एक्सपर्ट की मानें तो टोटल कोलेस्ट्रॉल के साथ एचडीएल और एलडीएल को मेंटेन करना जरूरी होता है. इसके अलावा कोलेस्ट्रॉल के साथ ट्राइग्लिसराइड को कंट्रोल करना भी जरूरी होता है. ट्राइग्लिसराइड हमारे खून में मौजूद एक तरह का फैट होता है. ट्राइग्लिसराइड का स्तर सामान्य से ज्यादा हो जाए, तो हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स की मात्रा 150 mg/dL से कम होनी चाहिए. इससे ज्यादा हो, तो डॉक्टर से मिलना चाहिए. इन सभी बातों को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए.

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Tags: Cholesterol, Health, Lifestyle



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