Friday, June 27, 2025
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CAA India News Many Pakistan persecuted Hindu minorities have not heard of CAA – International news in Hindi – CAA को लेकर अनजान हैं पाकिस्तान के प्रताड़ित हिंदू, बोले


CAA India News: भारत ने हाल ही में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम-2019 यानी सीएए के प्रावधानों को लागू कर दिया है। यह कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता प्रदान करने के लिए बनाया गया। यानी इन देशों से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि पाकिस्तान के अधिकतर प्रताड़ित हिंदुओं व अन्य अल्पसंख्यकों को भारत के इस कानून के बारे में पता ही नहीं है।

टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में पाकिस्तानी हिंदू अमित कुमार के हवाले से लिखा है कि वह एक “दोयम दर्जे के नागरिक” का जीवन जी रहे हैं। पाकिस्तान के दक्षिणी सिंध प्रांत के संघार जिले के व्यापारी अमित कुमार जल्द से जल्द भारत आना चाहते हैं। वे कहते हैं, “मैं गंभीरता से वहां बसने की सोच रहा हूं। कम से कम मैं अपने धर्म के कारण वहां (भारत में) मारा तो नहीं जाऊंगा।” अमित पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों की बढ़ती जनजाति से हैं जो स्पष्ट रूप से बाहर निकलने की तलाश में हैं लेकिन भारत के नागरिकता संशोधन अधिनियम की जटिलताओं से काफी हद तक अनजान हैं।

पिछले दो दशकों में, दर्जनों पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी सामाजिक-राजनीतिक और धार्मिक तंगी के कारण भारत आए हैं। वे मुस्लिम-बहुल देश में असुरक्षित महसूस कर रहे थे। अपहरण, ईशनिंदा के आरोप, पूजा स्थलों पर हमले और हिंदू लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन इस पलायन के कुछ कारण हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामाबाद की ईसाई कॉलोनी के निवासी इकबाल मसीह भी सीएए से अनजान हैं, लेकिन अगर वह भारतीय नागरिकता के लिए पात्र हैं तो उन्हें वहां से भागने में कोई गुरेज नहीं है। वे कहते हैं, “अगर मुझे पता होता कि ऐसा कोई कानून बन रहा है, तो मैंने बहुत पहले ही भारत भागने का प्रयास कर लिया होता।”

अल्पसंख्यक समूहों के प्रतिनिधियों का कहना है कि कानून पर कोई विचार करने से पहले उन्हें सीएए के महत्व को समझने की जरूरत है। कई पाकिस्तानी हिंदुओं, सिखों और ईसाइयों के लिए सीएए की सीमाओं के चलते भारत आना आसान विकल्प नहीं है। इनमें से अधिकांश आर्थिक रूप से वंचित हैं। पेशावर के एक सिख कपड़ा व्यापारी जसवंत सिंह ने कहा, “हमारी सामाजिक और वित्तीय स्थिति को देखते हुए, हमारे लिए भारत में नए सिरे से शुरुआत करना अधिक चुनौतीपूर्ण होगा।” पाकिस्तान का 19 लाख मजबूत हिंदू समुदाय जनसंख्या का लगभग 1.2% है।

एक दिन पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) भारत का हिस्सा है और वहां के लोग, चाहे वे किसी भी धर्म के हों, भारतीय हैं। उन्होंने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) 2019 का पुरजोर बचाव करते हुए कहा कि यह कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता प्रदान करने के लिए बनाया गया।

उन्होंने कहा कि विभाजन के समय पाकिस्तान में हिंदू आबादी 23 प्रतिशत थी, जो घटकर अब दो प्रतिशत हो गई है, बांग्लादेश में हिंदुओं की संख्या 22 प्रतिशत से घटकर 10 प्रतिशत हो गई है और अफगानिस्तान में सिखों की संख्या दो लाख से घटकर मात्र 378 रह गई है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने कांग्रेस नेताओं द्वारा किया गया वादा पूरा किया।’’

सीएए के दायरे से मुसलमानों को बाहर रखने के बारे में पूछे जाने पर, गृहमंत्री ने कहा कि सभी तीन देशों को इस्लामिक राष्ट्र घोषित किया गया है और मुसलमानों को वहां उत्पीड़न का सामना नहीं करना पड़ता। उन्होंने कहा, ‘‘सीएए के कारण किसी की नागरिकता नहीं जाएगी। मैं मुस्लिम भाइयों और बहनों से कहूंगा कि वे विपक्ष की बात न सुनें। विपक्ष आपके साथ फिर से केवल राजनीति कर रहा है।’’



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