पटना. लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी हैं और राजनीतिक दल अब मैदान में कूदने की तैयारी में है ऐसे में निगाहें उन नेताओं पर भी टिक गई है जिनका आने वाले लोकसभा चुनाव में महत्वपूर्ण रोल रहने वाला है. ऐसे तो लोकसभा चुनाव राष्ट्रीय मुद्दे पर लड़ा जाएगा लेकिन बिहार की राजनीति में जातीय समीकरण के साथ-साथ राजनीतिक जोड़ तोड़ और वोटर को लुभाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नेताओं की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो जाती है. ऐसे में यह जानना दिलचस्प हो जाता है कि बिहार के वो छह प्रमुख चेहरे कौन हैं, जिनकी भूमिका लोकसभा चुनाव में काफी महत्वपूर्ण होने वाली है.
नीतीश कुमार: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज भी बिहार के सियासत के सबसे महत्वपूर्ण रोल में है. बिहार की सियासत में इनकी छवि और विकास के प्रति लगातार किए जा रहे कार्य ही इनका प्रमुख आधार माना जाता है. इस बार के लोकसभा चुनाव में भी जदयू और एनडीए प्रधान मंत्री के विकास कार्यों के साथ साथ नीतीश कुमार के विकास कार्य को लेकर ही जनता के बीच जाने की तैयारी में है.
लालू प्रसाद यादव: लोकसभा चुनाव में विहार की राजनीति को प्रभावित करने की क्षमता रखने वाले कई नेता हैं. लेकिन, जिन पर सबसे ज्यादा नजरें टिकी रहेंगी वो हैं लालू प्रसाद यादव. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रह चुके लालू प्रसाद यादव आज भी देश के सबसे चर्चित और लोकप्रिय नेताओं में से एक माने जाते है. अपने अलग अंदाज और भाषण की शैली से वोटरों को लुभाने की कला में इनका कोई सानी नहीं है. उम्र और सेहत इनकी समस्या हो सकती है. लेकिन, अगर सेहत ठीक रही तो बिहार में इनके अनुभव का महागठबंधन बड़ा फायदा मिल सकता है.
तेजस्वी यादव: बिहार के दो बार डिप्टी सीएम रह चुके और बिहार में विपक्ष के सबसे बड़े चेहरे के तौर पर पहचान बना चुके तेजस्वी यादव आने वाले लोकसभा चुनाव में बिहार में एनडीए के 40 में 39 सीट के प्रदर्शन को फिर से दोहराने में सबसे बड़े बाधक के तौर पर खड़े हैं. तेजस्वी यादव भले ही अभी युवा हैं, लेकिन उन्होंने जो राजनीतिक परिपक्वता दिखाई है इससे उनकी पहचान राष्ट्रीय स्तर पर भी दिखाई देने लगी है. आरजेडी को MY समीकरण से निकाल A TO Z की पार्टी बनाने के प्रयास के साथ साथ रोजगार जैसे मुद्दे को आगे कर जनता ख़ासकर युवाओं को अपने पाले में खींचने की क़ाबलियत रखते हैं.
सम्राट चौधरी: बिहार बीजेपी के सबसे बड़े चेहरे के तौर पर उभर चुके बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी बिहार की सियासत में तेजी से उभरने वाले खिलाड़ी हैं. आक्रामकता और पार्टी पर मजबूत पकड़ के साथ-साथ बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के नजदीक माने जाने वाले सम्राट चौधरी तेजस्वी यादव के मुक़ाबले OBC नेता के तौर पर बीजेपी से आगे बढ़ रहे है और पिछड़ो की राजनीति में महत्वपूर्ण खिलाड़ी के तौर पर भी दिख रहे हैं. बिहार के चुनावी समर में बिहार एनडीए के तरफ से वोटरों को अपने पाले में करने वाले नेता के तौर पर इनकी मांग बढ़ने वाली हैं.
चिराग पासवान: बिहार में तेजस्वी यादव के बाद युवा नेता के तौर पर चिराग पासवान सबसे बड़े खिलाड़ी के तौर पर उभर चुके हैं और युवाओं के बीच बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट के अभियान के बहाने युवाओं को लुभाने की कवायद में भी लगे हुए हैं. चिराग पासवान दलित वोटर में अपनी पैठ तो रखते ही हैं, सवर्ण जातियों में भी अच्छी ख़ासी पकड़ बनाई है. बिहार में लोकसभा चुनाव में एनडीए के स्टार प्रचारक रहने वाले हैं और तेजस्वी के मुकाबले एनडीए इन्हें प्रमुख खिलाड़ी के तौर पर भी आगे रख सकती है ताकि युवाओं को एनडीए के तरफ़ लाया जा सके.
जीतन राम मांझी: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और बिहार के प्रमुख दलित नेता के तौर पर अपनी पहचान बना चुके जीतनराम मांझी पर भी चुनाव में नजरें बनी रहेंगी. दलित वोटरों में इनकी अहमियत को देखते हुए एनडीए उन्हें प्रमुख खिलाड़ी के तौर पर चुनाव में प्रचार में लगा दलित वोट को अपने पाले में करने की कोशिश में दिख सकती है. अलग अंदाज़ में बयान देने वाले मांझी दलितों के बीच काफी लोकप्रिय हैं और इसका फायदा एनडीए को मिल सकता है.
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FIRST PUBLISHED : March 18, 2024, 14:19 IST