Thursday, June 26, 2025
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Now the learning ability of children will improve with cute brain – News18 हिंदी


रिपोर्ट- अखंड प्रताप सिंह
कानपुर. कई बार बच्चों को अक्षर या स्पेलिंग पहचानने में गड़बड़ी होती है. उनका दिमाग उस पर्टिकुलर अक्षर को नहीं पहचान पाता. ऐसी बीमारी को डिस्लेक्सिया कहते हैं. वही बीमारी जो आमिर खान की फिल्म तारे जमीं पर के बाल कलाकार दर्शील सफारी को थी. कानपुर आईआईटी ने ऐसे बच्चों की परेशानी दूर कर दी है. वो उनके लिए एक ऐप लेकर आया है.

छोटी क्लास में अक्सर एक शिकायत देखने मिलती है कि बच्चे एबीसीडी या कोई अन्य अक्षर नहीं पहचान रहे. अभिभावक यह सोचते हैं कि बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लग रहा है. इसे ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया जाता. लेकिन इस पर ध्यान देने की जरूरत है. यह एक प्रकार की बीमारी होती है जिसे डिस्लेक्सिया या डिसग्राफिया कहते हैं.

जैसे-जैसे समय बदल रहा है अभिभावक अपने बच्चों को लेकर काफी चिंतित रहते हैं. बचपन में उनके खान-पान से लेकर उनकी शुरुआती पढ़ाई तक एक-एक चीज पर ध्यान देते हैं. वो इसका हल ढूंढते हैं. अब आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर बृजभूषण ने एक ऐसा ऐप तैयार किया है जिसकी मदद से बच्चों की इन समस्याओं के बारे में पता चल सकेगा. इसकी मदद से उनका इलाज करने में भी मदद मिल सकेगी.

यह है क्यूट ब्रेन
आईआईटी कानपुर ने 2019 में बच्चों की डिस्लेक्सिया और डिसग्राफिया समेत और गंभीर बीमारियों की पहचान और उनका इलाज करने के लिए एक ऐप बनाने का काम शुरू किया था. ये अब आईआईटी कानपुर की इनक्यूबेटर कंपनी बन चुकी है. इसका नाम क्यूट ब्रेन (Cute Brain) रखा गया है. इसके जरिए बच्चों की लर्निंग एबिलिटी का अभिभावकों को पता लग सकेगा. अगर उन्हें किसी प्रकार की कोई समस्या होती है तो उसका इलाज भी इसके जरिए मिल सकेगा. उन्हें विशेषज्ञ उपलब्ध कराए जाएंगे और क्लीनिकल जरूरत पर उन्हें क्लीनिकल विशेषज्ञ भी क्यूट ब्रेन उपलब्ध कराएगी.

तेजी से काम करेगा दिमाग
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर बृजभूषण ने Local18 से बताया क्यूट ब्रेन के जरिए बच्चों की लर्निंग एबिलिटी का पता लगाया जा सकेगा. जिन बच्चों को लिखने पढ़ने में किसी प्रकार की समस्या आती है उसका इलाज भी इसके जरिए किया जा सकेगा. इससे संपर्क करने के लिए कोई भी अभिभावक क्यूट ब्रेन की वेबसाइट पर जा सकता है. वहां पर एक फॉर्म भरना होता है. उसके बाद टीम खुद पेरेंट्स से संपर्क करेगी. उन्होंने बताया आगे स्कूलों से भी बातचीत चल रही है. स्कूलों में क्यूट ब्रेन के जरिए बच्चों की लर्निंग एबिलिटी टेस्ट की जाएगी.

Tags: Health and Pharma News, Kanpur city news, Local18



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