Thursday, June 26, 2025
Google search engine
Homeविश्वMaldives facing drinking water shortage and problem but exporting spying tools from...

Maldives facing drinking water shortage and problem but exporting spying tools from Muslim country know intelligence plan – International news in Hindi – पीने को पानी नहीं पर जासूसी का औजार मंगवा रहा मालदीव, जानें


ऐप पर पढ़ें

हिन्द महासागर में स्थित छोटा सा द्वीपीय देश मालदीव भारत से पंगा लेने के बाद इन दिनों पीने के पानी का संकट झेल रहा है। उसने चीन से पेयजल उपलब्ध कराने की तीन-तीन बार गुहार लगाई है, तब चीन ने तिब्बत से 1500 टन पीने का पानी भेजा है। इस बीच, खबर है कि मालदीव पड़ोसी देश खासकर भारत की जासूसी करने के लिए सैन्य ड्रोन की खरीददारी कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस्लामिक देश तुर्की से मालदीव ने सैन्य ड्रोन खरीदा है, ताकि क्षेत्रीय गुप्तचरी की योजना को अंजाम दिया जा सके।

मालदीव की यह हरकत ठीक चीन के ढर्रे पर है, जिसके साथ मालदीव की नई मुइज्जू सरकार इन दिनों नजदीकियां बढ़ाती दिख रही हैं। पिछले साल नवंबर में जब से मोहम्मद मुइज्जू मालदीव के राष्ट्रपति बने हैं, तब से भारत संग रिश्ते बिगड़ते चले गए हैं। इस बीच मालदीव ने हथियार निर्माण और आपूर्ति करने के क्षेत्र में अपनी पहुंच बढ़ा रहे तुर्किए से दोस्ती कर सैन्य जासूसी ड्रोन बायरकतार टीबी-2 की खेप मंगवाई है। 

मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल ने पहली बार ऐसी खरीद की है। माना जा रहा है कि मालदीव पहली बार सैन्य ड्रोन बायरकतार टीबी-2 की तैनाती करने जा रहा है, जो रिहायशी इलाकों की निगरानी के साथ-साथ सुरक्षा क्षमताओं में सुधार करने के लिए उसका एक सोचा-समझा कदम है। मध्य पूर्वी बाज़ार में प्रवेश करने के बाद तुर्किए एशियाई देशों में भी अपने हथियारों की बिक्री का विस्तार करना चाह रहा है। इसके लिए इसने हाल ही में मालदीव को बेकरटार टीबी-2 की आपूर्ति की है। 

तुर्किए मालदीव के अलावा अन्य एशियाई देशों खासकर मुस्लिम देशों को अपने हथियार और सैन्य ड्रोन की सप्लाई करने को इच्छुक है। इस कड़ी में तुर्किए ने इंडोनेशिया को भी बड़ी मात्रा में ऐसे हथियारों की सप्लाई की है। बायरकतार टीबी-2 ड्रोन दुश्मन देशों के सैन्य ठिकानों की छिपकर जासूसी करने में सक्षम हैं। इससे सैन्य अभियान के खर्च में कटौती भी आती है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे जासूसी ड्रोन से हिन्द महासागर में भारत के सैन्य ठिकानों की जासूसी की जा सकती है।

बता दें कि बायरकतार टीबी-2 ड्रोन का इस्तेमाल सीरिया, लीबिया सहित कई सैन्य अभियानों में किया जा चुका है।  इस ड्रोन ने अपने जासूसी क्षमताओं के कारण आतंकवादी संगठनों के खिलाफ लड़ाई में प्रभावी भूमिका निभाई है। सीरिया में तुर्किए सेना के ऑपरेशन ओलिव ब्रांच में भी इसी ड्रोन ने अहम भूमिका निभाई थी। इस दौरान तुर्किये की सेना ने इस ड्रोन का इस्तेमाल कर कुर्द लड़ाकों को अपनी सीमा से बाहर खदेड़ दिया था। बायरकतार टीबी-2 ड्रोन का इस्तेमाल लीबिया में ऑपरेशन स्प्रिंग शील्ड में भी किया जा चुका है, जहां लीबिया की राष्ट्रीय सेना को लड़ाई के दौरान हवाई सहायता मिली थी। इसके अलावा यूक्रेन युद्ध में रूस भी इस ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है।

इस बीच, मालदीव सरकार ने कहा है कि वह मालदीप में तैनात 88 भारतीय सैनिकों की वापसी के लिए भारत सरकार के साथ हुए समझौते को सार्वजनिक नहीं करेगी। एक मीडिया रिपोर्ट में बुधवार को यह जानकारी दी गई। मालदीव में तैनात लगभग 25 भारतीय सैनिकों का पहला जत्था भारत लौट आया जो उपहार में दिए गए हेलीकॉप्टर का संचालन कर रहा था। दोनों पक्षों के बीच दो फरवरी को नई दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद, मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत 10 मई तक मालदीव में तीन विमानन प्लेटफॉर्म का संचालन करने वाले अपने सैनिकों को बुला लेगा।



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments