पड़ोसी देश बांग्लादेश की राजनीति पिछले तीन दशकों से दो सबसे बड़े राजनीतिक दलों (बांग्लादेश अवामी लीग और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी) की दो प्रमुख महिला नेताओं शेख हसीना और खालिदा जिया यानी दोनों बेगमों के इर्द-गिर्द ही घूमती रही है। शेख हसीना जहां अवामी लीग का नेतृत्व करती हैं, वहीं देश की पहली महिला प्रधान मंत्री खालिदा जिया बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) का नेतृत्व कर रही हैं।
अवामी लीग शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान द्वारा स्थापित पार्टी है, जबकि BNP खालिदा जिया के पति और पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान द्वारा स्थापित पार्टी है। 1991 के बाद से बांग्लादेश में चुनावी राजनीति हसीना बनाम जिया की कहानी बनकर रह गई है। दोनों ने पिछले दो दशकों से कई चरणों में प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया है। शेख हसीना 2009 से लगातार प्रधानमंत्री थीं, जिन्होंने छात्र आंदोलन से उपजी अराजकता के बाद सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया और ढाका से भागकर दिल्ली आ गईं।
बांग्लादेश की दोनों बेगम कभी दोस्त थीं लेकिन दोनों के बीच फिर ऐसी दुश्मनी छिड़ी कि दोनों दो धुरी बन गईं। उनकी सियासी दुश्मनी के किस्से दुनिया भर में मशहूर हैं। यहां तक कि उनकी दुश्मनी को दूर करने की कोशिश अमेरिका के एक पूर्व राष्ट्रपति ने भी की थी लेकिन वो इसमें नाकाम रह गए थे। दरअसल, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने साल 2001 में ढाका में इन दोनों बेगमों के बीच दोस्ती कराने की पहल की थी लेकिन दोस्ती तो दूर, दोनों बेगमों ने एक दूसरे को देखा तक नहीं था।
द वॉशिंगटन टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगस्त 2001 में जिमी कार्टर वॉशिंगटन स्थित नेशनल डेमोक्रेटिक इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल अफेयर्स की एक बैठक में शामिल होने ढाका पहुंचे थे। तब जिमी कार्टर ने दोनों बेगमों को बुलाया था। पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर के एक तरफ खालिदा जिया खड़ी थीं, जबकि दूसरी तरफ शेख हसीना खड़ी थीं। कार्टर ने दोनों का हाथ थाम रखा था और वह दोनों के बीच दोस्ती कराने के लिए दोनों का हाथ खींच रहे थे ताकि दोनों को मिलाया जा सके लेकिन तब दोनों बेगम अपनी जगह से टस से मस तक नहीं हुई थी।
जब जिमी कार्टर ने जोर लगाकर दोनों का हाथ मिलाना चाहा तो दोनों बेगमों ने अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति कोा हाथ झिड़ककर अपना हाथ खींच लिया था। इससे दोनों महिलाओं के बीच मध्यस्थता कराने के कार्टर की कोशिश धरी की धरी रह गई और जिमी कार्टर सार्वजनिक तौर पर अपमानित सा महसूस करने लगे क्योंकि उस वक्त पूरी दुनिया की मीडिया की निगाहें उन पर टिकी हुई थीं। जिमी कार्टर के बाद यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों ने भी दोनों के बीच दोस्ती कराने की कोशिश की थी लेकिन वे भी विफल रहे थे।