गले तक कर्ज में डूबे पाकिस्तान के हुक्मरानों ने वहां की हालत कैसी कर दी है यह बात किसी से छिपी नहीं है। पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ अपने देश की माली हालत को ठीक करने के लिए आए दिनों किसी न किसी देश अथवा वित्तीय संस्थानों के आगे हाथ फैलाते रहते हैं। पाकिस्तान की दयनीय स्थिति और वहां के नेताओं की नियत के बारे में पाकिस्तान के बाहर रहने वाले पाकिस्तानी अच्छी तरह से जानते हैं। पाकिस्तानी मूल के एक प्रमुख अमेरिकी कारोबारी और नेता साजिद तरार ने कहा है कि पाकिस्तान में दूरदर्शी नेता की जरूरत है। उन्होंने भारत के पीएम नरेंद्र मोदी की काफी तारीफ भी की।
साजिद तरार ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है और पाकिस्तान को उनके जैसे नेता की जरूरत है। अमेरिका के बाल्टीमोर में रहने वाले तरार ने कहा, ‘‘मोदी के राष्ट्रवाद के नारे ने भारत में रहने वाले भारतीयों और अमेरिका में रह रहे भारतीयों के लिए अच्छा काम किया है।’’ पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समर्थक रिपब्लिकन पार्टी के नेता और ‘अमेरिकन मुस्लिम्स फॉर डोनाल्ड ट्रंप’ के संस्थापक तरार ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में भारत ने तरक्की की है और अगर उनके जैसा कोई नेता सामने आता है तो इससे पाकिस्तान को मदद मिलेगी।
तरार ने कहा कि किसी भी राष्ट्र का उत्थान वाशिंगटन में सत्ता के गलियारों में लॉबिंग की उसकी क्षमता से परिलक्षित होता है तथा भारतीय प्रौद्योगिकी उद्यमियों की संख्या में वृद्धि ने उसके प्रवासी समुदाय को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को इस उदाहरण से सीख लेनी चाहिए और शिक्षा पर अधिक ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद और पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों के साथ उभरते राष्ट्र के सपने ने देश को दीर्घकालिक लाभ पहुंचाया है। ऐसा तब होता है जब आप दीर्घकालिक भविष्य को ध्यान में रखते हुए शिक्षा में निवेश करते हैं।’’
तरार 1990 के दशक में अमेरिका चले गए थे राष्ट्रपति चुनाव के लिए ट्रंप की उम्मीदवारी पर तरार ने कहा कि सत्ता में उनकी वापसी अमेरिका को फिर से महानता के मार्ग पर ले जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘राजनीति में आने से पहले ट्रंप ने पैसा कमाया और अब उन्हें अमेरिका को फिर से महान बनाने की चिंता है। डेमोक्रेटिक पार्टी के राजनीतिक नेताओं के साथ ऐसा बिल्कुल नहीं है।’’ तरार ने यह भी कहा कि ट्रंप का राष्ट्रपति पद पर लौटना चीन के लिए एक चुनौती होगी, क्योंकि पूर्व राष्ट्रपति विभिन्न क्षेत्रों में बीजिंग की नीतियों को चुनौती देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप आप्रवासियों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन अमेरिकी सरकार जिस तरह से इस मुद्दे से निपट रही है उससे वह सहमत नहीं हैं।