Tuesday, July 8, 2025
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रूस के बाद बेलारूस भी करेगा यूक्रेन पर हमला! क्यों सताने लगा जेलेंस्की को डर


यूक्रेन और रूस के बीच जंग इन दिनों फिर से तेज है। इस बीच यूक्रेन ने आरोप लगाया है कि रूस के अलावा बेलारूस भी उस पर हमला कर सकता है। बेलारूस के राष्ट्रपति को व्लादिमीर पुतिन का करीबी माना जाता है। इसके अलावा बेलारूस की रूस से रणनीतिक मामलों में करीबी भी है। यूक्रेन के खुफिया विभाग का कहना है कि बेलारूस की ओर से सीमाओं पर बड़ी संख्या में सेना और हथियारों की तैनाती की जा रही है। आशंका है कि बेलारूस भी एक मोर्चे पर यूक्रेन पर अटैक कर सकता है। ऐसा इसलिए किया जा सकता है ताकि यूक्रेन को एक साथ दो मोर्चों पर घेरा जा सके।

यूक्रेन का कहना है कि उसकी उत्तरी सीमा पर स्थित गोमेल क्षेत्र में बेलारूस ने सेना की बड़े पैमाने पर तैनाती की है। कीव के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि यह स्थिति हमारे लिए चिंताजनक है। इससे पहले बेलारूस ने यूक्रेन से युद्ध छिड़ने के बाद रूसी सेना को अपने क्षेत्र इस्लेमात करने की चुनौती दी थी। बड़ी संख्या में बेलारूस की सीमा में भी रूस के सैनिक हैं। उसके इलाके को रूसी सेना लॉन्चपैड के तौर पर इस्तेमाल कर रही है। यूक्रेन ने अब बेलारूस को चेतावनी दी है कि वह व्लादिमीर पुतिन के दबाव में कोई गलती न करें वरना खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

यह आरोप यूक्रेन का ऐसे समय में आया है, जब उसकी सेना ने रूस के कुर्स्क इलाके में हमला किया है और काफी अंदर तक कब्जा जमा लिया है। वहीं रूसी सेनाएं तेजी से पूर्वी यूक्रेन में आगे बढ़ रही हैं। कीव ने बेलारूस पर आरोप लगाया है कि वह सीमा पर सैनिकों को तैनात करने के साथ ही बड़े पैमाने पर हथियारों को भी रखा है। यूक्रेन का कहना है कि उसकी सीमा पर इस तरह का सैन्य अभ्यास वैश्विक सुरक्षा के लिए भी एक संकट है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह चेर्नोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट के पास है। यूक्रेन का कहना है कि यदि न्यूक्लियर पावर प्लांट को कोई नुकसान पहुंचा तो फिर दुनिया की सबसे बड़ी परमाणु तबाही होगी।

यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम कभी बेलारूस के लोगों के खिलाफ नहीं रहे हैं। ऐसे में उसे भी कोई ऐसी गलती नहीं करनी चाहिए, जो उलटा भारी पड़ जाए। बता दें कि बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको हैं, जो लगातार 1994 से सत्ता में बने हुए हैं। उन्हें व्लादिमीर पुतिन का बेहद करीबी माना जाता है। उन्होंने ही 2022 में अपनी धरती का इस्तेमाल करने की परमिशन रूस को दी थी। बेलारूस को राजनीतिक और आर्थिक तौर पर रूस पर निर्भर माना जाता है।



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