इजरायल और हमास के बीच महायुद्ध को 10 महीने से ज्यादा हो गए हैं और जंग अभी भी जारी है। इजरायल हमास आतंकियों के ठिकानों को लगातार बर्बाद कर रहा है लेकिन, हमास आतंकी अभी भी 100 से ज्यादा इजरायलियों को बंधक बनाए हुए हैं। इजरायली सेना की कोशिश हमास के हर गुर्गे के खात्मे से लेकर अपने लोगों की रिहाई सुनिश्चित करना भी है। कुछ महीने पहले हमास की कैद से रिहा हुई लड़की ने हमास आतंकियों की दरिंदगी की कहानी सुनाई। इजरायली टीवी को दिए इंटरव्यू में उसने बताया कि कैसे हमास आतंकियों ने उसका धर्म बदलने की कोशिश की और रिहाई के लिए मेरे पिता से पैसों की डिमांड की। उसका जमकर उत्पीड़न हुआ।
इजरायली युवती मोरन स्टेला यानाई ने एन12 को दिए एक साक्षात्कार में बताया कि हमास के अपहरणकर्ताओं ने उसकी रिहाई के लिए फिरौती की मांग की थी तथा उसे इस्लाम धर्म अपनाने के लिए दबाव डाला था। स्टेला को पिछले वर्ष 29 नवंबर को रिहा किया गया था। उसने कहा कि हमास आतंकवादियों ने कैद के दौरान उसका जमकर उत्पीड़न किया और उसके पिता से उसकी रिहाई के लिए पैसे मांगे थे। मना करने पर उसे जान से मारने की धमकी दी थी।
स्टेला ने आगे बताया कि “एक दिन दोपहर के समय, मैं और दो अन्य बंधक एक कमरे में बैठे थे। वहीं, बगल वाले कमरे कुछ हमास आतंकी ‘अबुहा अबुहा’ कह रहे थे।” अबुहा एक अरबी शब्द है- जिसका अर्थ होता है- पिता। कुछ देर बाद एक आतंकी ने उससे पूछा, “क्या तुम्हारे पिता तुमसे प्यार करते हैं? जिस पर मैंने जवाब दिया ‘बेशक, किसी भी चीज से ज़्यादा’। फिर उसने मुझसे पूछा ‘और तुम्हारे बदले में वह क्या देगा?’ मैंने उससे पूछा कि उसका क्या मतलब है, और उसने जवाब दिया, ‘वह तुम्हारे बदले में कितना पैसा देगा?'”।
स्टेला ने फिर आतंकवादी से कहा कि उसके पिता उसे वापस लाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। स्टेला ने आगे बताया कि आतंकवादी ने उससे पूरे दिन एक ही विषय पर पूछताछ की, उसके पिता की कमाई के बारे में पूछा और अन्य सामाजिक-आर्थिक-संबंधित सवाल पूछे।
धर्मांतरण का दबाव डाला
स्टेला ने एन12 को आगे बताया, “लगभग हर दिन एक आतंकी एक कमरे में घुसता और कहता, ‘तुम्हारे लिए मुस्लिम महिला होना बेहतर होगा’ और एक बार आतंकवादी ने अपने एक साथी को मेरे लिए सिर ढकने के लिए एक कपड़ा लाने के लिए भेजा और मुझे दिखाया कि मुस्लिम महिला होने का क्या मतलब है?”
खुद के बेचे जाने का डर था
स्टेला ने यह भी कहा कि कभी-कभी उसके अपहरणकर्ता उसके लिए कुरान की आयतें पढ़ने के लिए लाते थे, उससे अल्लाह की स्तुति करने की मांग करते थे, और कहते थे, “यदि तुम इस्लाम धर्म अपना लो तो हम तुम्हें जल्दी रिहा कर देंगे।” स्टेला ने जोर देकर कहा, “एक महिला के तौर पर मेरा सबसे बड़ा डर है कि मुझे बेच दिया जाएगा। कोई मुझसे जबरदस्ती शादी कर लेगा और मुझे इस्लाम धर्म अपनाना पड़ेगा।” उन्होंने आगे बताया कि यह पूरा अनुभव उनके परिवार के लिए बहुत दर्दनाक था।