Friday, June 27, 2025
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IMF ने पाक को थमाया झुनझुना, उलटे कर दी लोन के बदले नई डिमांड; शहबाज शरीफ की क्यों उड़ूी नींद


पड़ोसी देश पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पिछले कुछ वर्षों से खस्ता हाल में चल रही है। वहां की सरकार रोजमर्रे के कामों के लिए भी विदेशी कर्ज पर निर्भर है। देश पर पहले से ही सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और चीन जैसे मित्र देशों के लाखों करोड़ रुपये का ऋण है। बावजूद इसके पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 7 अरब डॉलर का कर्ज लेने की कोशिश कर रही है।

हाल ही में IMF के अधिकारियों और पाकिस्तान वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के बीच वर्चुअल मीटिंग थी, जिसमें अगली किस्त जारी करने पर फैसला लिया जाना था लेकिन IMF ने शहबाज शरीफ सरकार को जोरदार झटका दिया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के कार्यकारी बोर्ड ने पाकिस्तान को आर्थिक पैकेज देने की मंजूरी के लिए कोई समय सीमा नहीं दी है। इस तरह पाकिस्तान का प्रपोजल फिलहाल ठंडे बस्ते में चला गया है।

डॉन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के संघीय राजस्व बोर्ड (FBR) के अधिकारी भी उस बैठक में शामिल थे, जिन्होंने राजस्व कमी के बारे में मीटिंग में सबको जानकारी दी। इसके बाद IMF के अधिकारियों ने पाकिस्तान सरकार के सामने अजीब शर्त रख दी। सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि IMF ने कहा है कि पाकिस्तान पहले 12 अरब डॉलर (34.86 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपये) के कर्ज रोलओवर (Rollover) करे, उसके बाद ही उसे 7 अरब डॉलर (27.89 लाख करोड़ रुपये) का बेल आउट पैकेज देने पर कार्यकारी बोर्ड विचार करेगा।

IMF के इस फैसले से शहबाज शरीफ सरकार की नींद उड़ी हुई है क्योंकि बहुप्रतीक्षित 7 बिलियन डॉलर का बेलआउट पैकेज अब लटक गया है। आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड ने इस बैठक कार्यक्रम में पाकिस्तान के उस अनुरोध पर विचार नहीं किया, जिसमें कहा गया था कि प्राकृतिक आपदाओं की वजह से मित्र देशों से 12 बिलियन डॉलर के ऋण का समय पर निपटान नहीं किया जा सका। यह देरी पाकिस्तान की अनिश्चित वित्तीय स्थिति को और संकटपूर्ण बना रही है क्योंकि देश को इस साल कई कर्जदारों के किस्तों का भी भुगतान करना है।

डॉन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 32 ट्रिलियन रुपये की उधारी योजना बनाई है। यह रकम IMF से लोन लेने के अलावा अन्य मित्र देशों, खासकर चीन से मिलने वाले लोन पर निर्भर है। पाकिस्तान सरकार को बजट घाटे को पाटने और परिपक्व ऋणों को चुकाने के लिए उधार लेना जरूरी है लेकिन IMF ने नई शर्त रखकर शहबाज शरीफ की नींद हराम कर दी है।



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