Saturday, June 28, 2025
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रूस-यूक्रेन वार्ता में मध्यस्थता कर सकता है भारत, व्लादिमीर पुतिन ने दो और देशों का भी लिया नाम


रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन से साथ जारी युद्ध के बीच मध्यस्थता को लेकर बड़ा बयान दिया है। पुतिन ने कहा है कि भारत दोनों देशों के बीच बातचीत में बड़ी भूमिका निभा सकता है। उन्होंने भारत के अलावा, चीन और ब्राजील का भी नाम लिया। पुतिन ने कहा कि भारत, चीन, और ब्राजील जैसे देश रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए मध्यस्थता करा सकते हैं। उन्होंने इन देशों को वैश्विक मंच पर स्थिरता और शांति के समर्थक बताते हुए कहा कि उनके माध्यम से संघर्ष को सुलझाने के प्रयास किए जा सकते हैं।

पुतिन ने कहा कि वह यूक्रेन संघर्ष के मुद्दे पर तीन देशों.. भारत, चीन और ब्राजील के संपर्क में हैं और इसे सुलझाने के लिए पूरी ईमानदारी से प्रयास कर रहे हैं। रूसी समाचार एजेंसी ‘तास’ ने पुतिन के हवाले से अपनी खबर में कहा, ‘‘हम अपने मित्रों और साझेदारों का सम्मान करते हैं। हम.. मुख्य रूप से चीन, ब्राजील और भारत इस संघर्ष से जुड़े सभी मुद्दों को ईमानदारी से सुलझाना चाहते हैं। मैं इस मुद्दे पर अपने सहयोगियों के साथ लगातार संपर्क में रहता हू।’’

रूस के राष्ट्रपति ने यह भी माना कि यूक्रेन की स्थिति जटिल है, और सीधा समाधान खोजना आसान नहीं है। लेकिन, भारत, चीन और ब्राज़ील जैसे देशों के बीच मध्यमार्गी दृष्टिकोण और वैश्विक कूटनीतिक भूमिका के कारण ये देश मध्यस्थता में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि युद्ध के पहले सप्ताहों में तुर्की के इस्तांबुल रूसी और यूक्रेनी पक्ष के बीच वार्ता हुई थी। रूसी और यूक्रेनी वार्ताकारों के बीच हुआ वह प्रारंभिक समझौता आगे की वार्ता के लिए आधार का काम कर सकता है। बता दें कि रूस-यूक्रेन के बीच इस्तांबुल में हुआ समझौता कभी लागू नहीं किया गया। रूस के राष्ट्रपति ने यह भी माना कि यूक्रेन की स्थिति जटिल है, और सीधा समाधान खोजना आसान नहीं है। लेकिन, भारत, चीन और ब्राजील जैसे देशों के बीच मध्यमार्गी दृष्टिकोण और वैश्विक कूटनीतिक भूमिका के कारण ये देश मध्यस्थता में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

पुतिन की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन की ऐतिहासिक यात्रा के दो सप्ताह के बाद आई है, जहां उन्होंने राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ वार्ता की थी। रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने इजवेस्तिया दैनिक को बताया कि भारत इस मुद्दे पर वार्ता का मार्ग प्रशस्त करने के लिए मदद कर सकता है। मोदी और पुतिन के बीच ‘‘रचनात्मक और मैत्रीपूर्ण संबंधों’’ को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री ‘‘इस संघर्ष में शामिल लोगों से प्रत्यक्ष जानकारी प्राप्त करने की दिशा में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं क्योंकि वह पुतिन, जेलेंस्की और अमेरिकियों के साथ स्वतंत्र रूप से संवाद करते हैं।’’

पेस्कोव ने कहा, ‘‘इससे भारत को वैश्विक मामलों में अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने का एक बड़ा मौका मिलता है और अमेरिका तथा यूक्रेन को अधिक राजनीतिक इच्छाशक्ति का इस्तेमाल करने और शांतिपूर्ण समाधान के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जा सकेगा।’’ उन्होंने हालांकि कहा कि इस मुद्दे पर मध्यस्थता करने की मोदी की ‘‘कोई विशेष योजना नहीं’’ है।

पुतिन का ये बयान ऐसे समय में आया है जब यूक्रेन पर रूसी हमले और तेज हो गए हैं। दो दिन पहले यूक्रेन के लीव शहर में रातभर जारी हमलों में सात लोग मारे गए और 35 लोग घायल हुए हैं। मृतकों में एक बच्चा और एक चिकित्साकर्मी शामिल हैं तथा कई की हालत गंभीर है। यह हमला यूक्रेन के पोल्टावा में एक सैन्य अकादमी और पास के अस्पताल पर दो बैलिस्टिक मिसाइलों के हमले के एक दिन बाद हुआ है, जिसमें 50 से अधिक लोग मारे गए थे और 200 से अधिक लोग घायल हुए थे। यूक्रेनी अधिकारियों ने बताया कि यह हमला युद्ध शुरू होने के बाद से रूस की ओर से किए गए सबसे घातक हमलों में से एक है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में रूस की यात्रा के बाद यूक्रेन की यात्रा की थी। इसके बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने मोदी से फोन पर बात की। अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ के राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी से बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में इस बातचीत के संबंध में सवाल किया गया और उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि भारत युद्ध को समाप्त करने में भूमिका निभा सकता है। इस पर उन्होंने कहा कि अमेरिका ऐसे किसी भी देश का स्वागत करता है जो यूक्रेन में संघर्ष को समाप्त करने में मदद करने का प्रयास करना चाहता है।



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