Thursday, June 26, 2025
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MBBS का नया करिकुलम रद्द, समलैंगिकता को बताया था अप्राकृतिक यौन अपराध, वर्जिनिटी व हाइमन की अहमियत का भी था जिक्र


नेशनल मेडिकल कमिशन (एनएमसी) ने एमबीबीएस कोर्स को लेकर हाल ही में जारी की गई विवादास्पद सीबीएमई (कंपीटेंसी बेस्ड मेडिकल एजुकेशन) गाइडलाइंस को वापस ले लिया है। नए करिकुलम में एमबीबीएस के फोरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी टॉपिक में गुदामैथुन (sodomy) और समलैंगिकता (lesbianism) को अप्राकृतिक यौन अपराध के तौर पर बताया गया था जिसके चलते बीते कुछ दिनों से एनएमसी को एलजीबीटीक्यूआईए प्लस (LGBTQIA+ यानी लेस्बियन, गे, बाइसेक्शुअल, ट्रांसजेंडर, क्वीर, इंटरसेक्स और एसेक्सुअल) समुदाय का कड़ा विरोध झेलना पड़ रहा था। समलैंगिकता के अलावा एनएमसी ने नए करिकुलम में हाइमन की अहमियत और उसके प्रकार तथा कौमार्य (वर्जिनिटी), कौमार्यभंग, वैधता और इसके चिकित्सीय एवं कानूनी महत्व को परिभाषित करने जैसे विषयों को भी उठाया था। जबकि मद्रास उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार 2022 में इन सभी विषयों को समाप्त कर दिया गया था। तब संशोधन के समय इन सभी टॉपिक्स को सिलेबस से हटा दिया गया था।

एलजीबीटीक्यूआईए प्लस समुदाय से जुड़े एक्टिविस्ट्स का कहना है कि यह गाइडलाइंस विकलांग व्यक्तियों और एलजीबीटीक्यू लोगों के अधिकारों का उल्लंघन करती हैं। 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक सम्बंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर निकाल दिया था।

एनएमसी ने कहा, “यह सूचित किया जाता है कि दिनांक 31 अगस्त 2024 को जारी सर्कुलर जिसमें सीबीएमई 2024 के तहत दिशानिर्देश जारी किए गए थे, तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया गया है और रद्द कर गया है। नए दिशानिर्देशों को यथासमय संशोधित कर अपलोड किया जाएगा।”

NMC : MBBS में NEXT इसी सत्र से, इलेक्टिव में 75 फीसदी हाजिरी अनिवार्य

और क्या था वापस ली गईं नई गाइडलाइंस में

एमबीबीएस डिग्री कोर्स को लेकर नई सीबीएमई (कंपीटेंसी बेस्ड मेडिकल एजुकेशन) गाइडलाइंस 31 अगस्त को जारी की गई थीं। एनएमसी के अंडर ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड (यूजीएमईबी) द्वारा एमबीबीएस कोर्स के लिए जारी नए दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया था कि नेक्स्ट एग्जाम का पहला सत्र शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के एमबीबीएस कोर्स से शुरू होगा। नेक्स्ट परीक्षा सिस्टम दो फेजों में लागू किया जाएगा। यह MBBS पाठ्यक्रम के 54वें सप्ताह से शुरू होगा और नेक्स्ट (NExT) का दूसरा फेज अनिवार्य रोटेटिंग मेडिकल इंटर्नशिप (सीआरएमआई) के 12वें महीने के दौरान होगा।

नई सीबीएमई गाइडलाइंस के मुताबिक एमबीबीएस छात्र केवल तभी यूनिवर्सिटी एमबीबीएस परीक्षाओं / नेक्स्ट एग्जाम में बैठ सकेंगे जब उनकी हाजिरी इलेक्टिव्स में 75 फीसदी होगी और उन्होंने इलेक्टिव्स के दौरान बनाई लॉग बुक सब्मिट की होगी।



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