लेबनान के आतंकी संगठन हिज्बुल्लाह ने इजरायल के उत्तरी इलाकों में जोरदार हमला बोला है। रिपोर्ट के मुताबिक, 100 से अधिक रॉकेट दागे गए हैं जिनमें रमत डेविड एयरपोर्ट भी शामिल है। इन हमलों की वजह से रात भर अलग-अलग इलाकों में सायरन बजते रहे, जिससे हजारों लोग घबरा गए थे। इजरायली सेना ने कहा कि रॉकेट रिहायशी इलाकों में दागे गए हैं। इससे पता चलता है कि खतरा बढ़ता जा रहा है। इजरायल के बचाव दल ने कहा कि छर्रे से घायल हुए 4 लोगों का इलाज किया गया। इनमें 76 वर्षीय व्यक्ति भी शामिल है जो हाइफा के पास वाले इलाके में घायल हुए थे। अटैक की वजह से कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं और कारों में आग लग गई।
बीते शुक्रवार को भी हिज्बुल्लाह ने उत्तरी इजरायल पर 140 से ज्यादा रॉकेट दागे थे। हिज्बुल्लाह ने कहा कि उसने सीमा पर कई स्थानों को कत्युशा रॉकेट दागे, जिनमें कई हवाई रक्षा अड्डे और इजरायली बख्तरबंद ब्रिगेड का मुख्यालय भी शामिल है। इन ठिकानों पर पहली बार हमला किया गया है। इजरायली सेना के मुताबिक गोलान पहाड़ियों, साफेद और ऊपरी गैलिली के क्षेत्रों में 120 मिसाइलें दागी गईं, जिनमें से कुछ को हवा में ही नष्ट कर दिया गया। मेरोन और नेटुआ क्षेत्रों में 20 मिसाइलें दागी गईं और इनमें से अधिकांश खुले क्षेत्रों में गिरीं। इसके जवाब में इजरायली सेना ने लेबनान के बेरूत में टारगेटेड हमले किए और उग्रवादी संगठन के सीनियर सैन्य अधिकारी इब्राहिम अकील को मार गिराया।
अचानक फटने लगे पेजर और वॉकी-टॉकी
गौरतलब है कि 17 और 18 सितंबर को लेबनान के विभिन्न क्षेत्रों में पेजर और रेडियो सहित संचार उपकरण फट गए थे। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इस घटना में 37 लोग मारे गए और 3,000 से अधिक घायल हो गए। पीड़ितों में लेबनान में ईरानी राजदूत मोजतबा अमानी भी शामिल थे। अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि हजारों उपकरणों के एक साथ विस्फोट का कारण क्या था। हिज्बुल्लाह, लेबनानी सरकार और ईरान ने इस घटना के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है। इजरायली अधिकारियों ने न तो अपनी संलिप्तता की पुष्टि की है और न ही इससे इनकार किया है।