लेबनान में इजरायली हमले से बचने के लिए मंगलवार से गुरुवार दोपहर के बीच लगभग 42 हजार लोग सीरिया में प्रवेश कर चुके हैं। सीरिया के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। जदीदत याबूस सीमा को पार कर आने वालों में 31 हजार सीरियाई और 11 हजार लेबनानी नागरिक शामिल हैं। स्थानीय डिप्टी गवर्नर जस्सेम अल-महमूद ने कहा कि लेबनानी आगमन को गवर्नरेट द्वारा तैयार आश्रयों स्थलों में रुकवाया गया है, जिसमें दमिश्क के दक्षिण में तीन होटल और ग्रामीण दमिश्क में एक केंद्र शामिल हैं।
डिप्टी गवर्नर ने कहा कि पूरे प्रांत में आश्रय स्थल बनाए गए हैं और केंद्रों में रहने वालों को सभी आवश्यक सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। इसके अलावा अधिकारी आगमन की बढ़ती संख्या के प्रबंधन के काम में जुटे है। लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर इजरायली हवाई हमलों के बाद क्रॉसिंग में वृद्धि हुई, जिससे सीरिया में शरण लेने वाले परिवारों का बड़े पैमाने पर पलायन हुआ। सीरिया और लेबनान लगभग 375 किमी लंबी सीमा साझा करते हैं, जदीदत याबोस क्रॉसिंग, जिसे लेबनान में मसना क्रॉसिंग के रूप में भी जाना जाता है, दोनों देशों के बीच पांच प्रमुख मार्गों में से एक है।
बता दें कि सीरिया और लेबनान के बॉर्डर पर भी आईडीएफ ने बम बरसाए हैं। इजरायल के हमले में हिजबुल्लाहके मिसाइल यूनिट के कमांडर की मौत के बाद हिजबुल्लाह भी मिसाइल अटैक कर रहा है। इजरायली सेना का कहना है कि सीमावर्ती इलाके का इस्तेमाल हिजबुल्लाह सीरिया से लेबनान में हथियार लाने के लिए करता है। ऐसे में इन इलाको को निशाना बनाया गया है। आईडीएफ का कहना है कि हिजबुल्लाह के खिलाफ अभियान अभी जारी रहेगा।
लेबनान की एक सरकारी इमारत पर इजरायली हवाई हमले में करीब दो दर्जन सीरियाई कामगार मारे गए थे। इजरायल हिजबुल्लाह के 1600 से ज्यादा ठिकानों पर हमला कर चुका है।इजरायली एयरस्ट्राइक में लेबनाने में अब तक 600 के करीब लोग मारे गए हैं। इजरायल का कहना है कि हमले वहीं किए जा रहे हैं जहां हिजबुल्लाह के ठिकाने हैं और उसने हथियार, गोला-बारूद छइपाकर रखा है। हिजबुल्लाह ने भी इजरायल पर सैकड़ों रॉकेट दागे लेकिन इजरायल केआयरन डोम ने हमलों को नाकाम कर दिया।