Saturday, June 28, 2025
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आज भगत सिंह जयंती पर शेयर करें उनके ये 10 क्रांतिकारी और अनमोल विचार, करियर न्यूज़


Bhagat Singh Jayanti : भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सबसे महत्वपूर्ण क्रांतिकारियों में से एक शहीद भगत सिंह की आज जयंती मनाई जा रही है। महान क्रांतिकारी और सिर्फ 23 साल की उम्र में देश की आजादी के लिए मुस्कुराते हुए फांसी का फंदा चूमने वाले भगत सिंह का जन्म पंजाब प्रांत के लायपुर जिले के बगा में 28 सितंबर 1907 को हुआ था। आज पूरा देश भारत मां के वीर सपूत शहीद-ए-आजम भगत सिंह को उनकी जयंती पर नमन कर रहा है। 23 मार्च 1931 की रात भगत सिंह को सुखदेव और राजगुरु के साथ लाहौर षडयंत्र के आरोप में अंग्रेजी सरकार ने फांसी पर लटका दिया। देश के सबसे बड़े क्रांतिकारी और अंग्रेजी हुकूमत की जड़ों को अपने साहस से झकझोर देने वाले भगत सिंह ने नौजवानों के दिलों में आजादी का जुनून भरा था। उन्होंने लाखों देशवासियों के अंदर आजादी की अलख जगाकर गुलामी की जंजीरों को तोड़ने का काम किया।

आज भी शहीद भगत सिंह का व्यक्तित्व और उनके विचार हर भारतीय खासतौर पर युवाओं के दिल में धड़कते हैं। आइए पढ़ते हैं भगत सिंह के क्रांतिकारी विचारों को… 

भगत सिंह जयंती पर पढ़ें उनके 10 क्रांतिकारी विचार ( Bhagat Singh Quotes ): 

1. जिंदगी तो सिर्फ अपने कंधों पर जी जाती है, दूसरों के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं।

2. निष्‍ठुर आलोचना और स्‍वतंत्र विचार, ये दोनों क्रांतिकारी सोच के दो अहम लक्षण हैं।

3. अगर बहरों को अपनी बात सुनानी है तो आवाज़ को जोरदार होना होगा. जब हमने बम फेंका तो हमारा उद्देश्य किसी को मारना नहीं था। हमने अंग्रेजी हुकूमत पर बम गिराया था। अंग्रेजों को भारत छोड़ना और उसे आजाद करना चाहिए।’

4. बम और पिस्तौल से क्रांति नहीं आती, क्रांति की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है। 

5.  प्रेमी पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं और देशभक्‍तों को अक्‍सर लोग पागल कहते हैं।

6. व्‍यक्तियों को कुचलकर भी आप उनके विचार नहीं मार सकते हैं।

7. निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम लक्षण हैं।

8. ‘आम तौर पर लोग चीजें जैसी हैं उसी के अभ्यस्त हो जाते हैं। बदलाव के विचार से ही उनकी कंपकंपी छूटने लगती है। इसी निष्क्रियता की भावना को क्रांतिकारी भावना से बदलने की दरकार है।’

9. ‘वे मुझे कत्ल कर सकते हैं, मेरे विचारों को नहीं। वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं लेकिन मेरे जज्बे को नहीं।’

10.  राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है. मैं एक ऐसा पागल हूं जो जेल में आजाद है।



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