इजरायली हमलों से दहल रहे लेबनान में पलायन का दौर जारी है। हिजबुल्लाह के शीर्ष कमांडर सैयद हसन नसरल्लाह की मौत हो चुकी है, जबकि इजरायल के हमले अब भी जारी हैं। इस बीच लेबनान में भी गाजा जैसे हालात पैदा हो गए हैं। इजरायल की सीमा से लगते दक्षिणी लेबनान के लोग अपना जरूरी सामान लेकर सुरक्षित ठिकानों की ओर पलायन करने में जुटे हैं। यही नहीं खुद करीब एक दशक से गृह युद्ध की मार झेल रहे सीरिया में भी बड़े पैमाने पर लोग जा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट के अनुसार करीब 1 लाख लोग सीरिया में एंट्री कर चुके हैं। महज दो दिनों में लेबनान से सीरिया में पलायन करने वालों का आंकड़ा डबल हो चुका है।
संयुक्त राष्ट्र संघ का कहना है कि लेबनान से बड़ी संख्या में लोग सीरिया जा रहे हैं। अब तक यह आंकड़ा 1 लाख के करीब पहुंच चुका है। यही नहीं मुश्किल यह है कि पलायन अब भी जारी है। संयुक्त राष्ट्र संघ की रिफ्यूजी एजेंसी (UNHCR) कि फिलहाल लेबनान और सीरिया के बीच 4 क्रॉसिंग पॉइंट्स पर काफी भीड़ है। लेबनान के लोग अपने कीमती सामान के साथ किसी भी हाल में पलायन करना चाहते हैं। लेबनान से 23 सितंबर से ही पलायन का दौर जारी है। इजरायल ने बीते एक सप्ताह में लेबनान में जोरदार हमले किए हैं। इनमें अब तक लगभग 1000 लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 6000 जख्मी हुए हैं।
वहीं शुक्रवार को तो हिजबुल्लाह के शीर्ष कमांडर को ही इजरायल ने मार गिराया था। लेबनान के संकट को इस बात से समझा जा सकता है कि सीरिया खुद 13 सालों से अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है। फिर भी लेबनान से बड़ी संख्या में लोग पलायन करके वहां जा रहे हैं। इन लोगों की चिंता यह भी है कि इजरायल का जैसा रुख है, उस स्थिति में युद्ध लंबा चल सकता है। ऐसी स्थिति में कीमती सामान को साथ लेकर सुरक्षित ठिकाना खोजने में ही भलाई है।
इस जंग के बीच ईरान ने फिर इसे इजरायल को चेतावनी दी है। सोमवार को ईरान के विदेश मंत्री नासिर कनानी ने कहा कि हम इजरायल की आपराधिक हरकतों का माकूल जवाब देंगे। दरअसल हिजबुल्लाह चीफ के मारे जाने से इजरायल को करारा झटका लगा है। हिजबुल्लाह को शिया संगठन माना जाता है और उसे ईरान का समर्थन हासिल है। इसलिए हिजबुल्लाह चीफ की ही मौत होना ईरान के लिए झटके की तरह है। माना जा रहा है कि अब हिजबुल्लाह के बाद इजरायल की ओर से यमन में सक्रिय हूथी संगठन को टारगेट किया जा सकता है।